पिछले पांच महीनों से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक, बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग ₹91 लाख करोड़ की कमी आई है।
विशेष रूप से फरवरी 2025 में, बाजार में तेज गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के लगभग ₹40.8 लाख करोड़ डूब गए। सेंसेक्स इस महीने में 4,000 अंकों से अधिक गिरा, जो 5% की गिरावट को दर्शाता है।
यह गिरावट 1996 के बाद से सबसे लंबी अवधि की है, जिसमें निफ्टी 50 इंडेक्स लगातार पांचवें महीने गिरावट में रहा है। सितंबर 2024 के अंत में अपने उच्चतम स्तर से, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों लगभग 15% गिर चुके हैं।
इस गिरावट के प्रमुख कारणों में विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली, कमजोर कॉर्पोरेट आय, और अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता शामिल हैं। पिछले पांच महीनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में से $25 बिलियन की बिक्री की है।
इसके अलावा, भारतीय रुपये में भी गिरावट देखी गई है, जो फरवरी में लगातार पांचवें महीने कमजोर हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए निवेश कम आकर्षक हो गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक कॉर्पोरेट आय में सुधार और विदेशी निवेशकों की वापसी नहीं होती, तब तक बाजार में कमजोरी बनी रह सकती है।