बैंक ऑफ चाइना के पूर्व अध्यक्ष लियू लियांग को भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए जाने पर मौत की सजा सुनाई गई है, जिसमें दो साल की स्थगन का प्रावधान है। उन्हें 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 121 मिलियन युआन) की रिश्वत लेने और अवैध ऋण जारी करने का दोषी पाया गया। यह फैसला चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा चलाए जा रहे व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत आया है ।

लियू, जो 2019 से 2023 तक बैंक ऑफ चाइना के अध्यक्ष रहे, ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से 3.32 बिलियन युआन के ऋण जारी किए, जिससे 190 मिलियन युआन का नुकसान हुआ। अदालत ने उनकी संपत्ति जब्त करने और उनके सभी अवैध लाभों को सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया ।

हालांकि, सजा की स्थगन इसलिए दी गई क्योंकि लियू ने अपने अपराध स्वीकार किए और जांच में सहयोग किया। यदि वे दो वर्षों के भीतर किसी अन्य अपराध में शामिल नहीं पाए जाते हैं, तो उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया जाएगा।

शी जिनपिंग का यह भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चीन के वित्तीय क्षेत्र पर केंद्रित है, जिसमें उच्च स्तरीय अधिकारियों को लक्षित किया जा रहा है। इससे पहले, अन्य वरिष्ठ वित्तीय अधिकारियों को भी इसी तरह की सजा सुनाई जा चुकी है ।

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