कोरबा: साउथ ईस्टर्न कोयला मजदूर कांग्रेस (SEKMC) की जनरल काउंसिल की बैठक आज कोरबा स्थित यूनियन मुख्यालय में संपन्न हुई। बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह द्वारा संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल पदाधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई का समर्थन किया गया। बैठक में SECL के 13 क्षेत्रों के जनरल काउंसिल के सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे और संगठन में मौजूद असंतोष के मुद्दे पर चर्चा की गई।
बैठक में पूर्व उपाध्यक्ष संपत शुक्ला और कुसमुंडा क्षेत्र के पदाधिकारियों जैसे रमेश मिश्रा, अब्दुल अंसारी और अन्य के संगठन विरोधी गतिविधियों पर गंभीरता से चर्चा की गई। इन पदाधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कुसमुंडा क्षेत्र में यूनिट के चुनावी प्रक्रिया में बाधा पहुंचाई और शुक्ला ने गैरकानूनी रूप से बैठक बुलाकर स्वयं को यूनियन का अध्यक्ष घोषित किया और मौजूदा केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह को हटाने का प्रयास किया। सभी वक्ताओं ने इन गतिविधियों की निंदा की और अनुशासन बनाए रखने के लिए अध्यक्ष द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई की सराहना की।
ज्ञात हो कि केंद्रीय अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने 30 अक्टूबर को संपत शुक्ला को संगठन से 6 वर्षों के लिए निष्कासित करने का आदेश जारी किया। 19 अक्टूबर को शुक्ला को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनकी कथित संगठन विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता पर जवाब मांगा गया था। निर्धारित समय तक कोई जवाब न मिलने के कारण उनके विरुद्ध लगे आरोप स्वतः सिद्ध मान लिए गए। अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि, “संपत शुक्ला ने संघ के विधान और हितों के खिलाफ कार्य किया है।”
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने केंद्रीय अध्यक्ष द्वारा की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई का समर्थन किया और संगठन में अनुशासन और निष्ठा बनाए रखने के लिए इस कदम को आवश्यक बताया। इसके साथ ही संघ की प्रतिष्ठा और साख को धूमिल करने में शामिल लोगों पर क़ानूनी कार्यवाही करने हेतु सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है । केन्द्रीय समिति के सदस्यों में प्रीतम नाथ पाठक (महासचिव), कमलेश शर्मा (कार्यकारी अध्यक्ष), रमेश कुशवाहा, अमरजीत सिंह (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), सत्येंद्र पाल, गणपत चौहान, अब्दुल सलीम, किशोर सिन्हा, जे पी श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष), रविंदर सिंह (अतिरिक्त महासचिव), भोजराम सतरंगे (संयुक्त सचिव), संदीप चौधरी (कोषाध्यक्ष) वरिष्ठ सदस्य आर एस पाठक, अनिल दुबे समेत सभी 13 क्षेत्रों के अध्यक्ष और महासचिव भी इस बैठक में उपस्थित थे।
SEKMC का यह निर्णय संगठन में अनुशासन बनाए रखने और भविष्य में संगठन विरोधी गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Adhyachh Mahothay ka sahi kadam
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