संसद की सर्वदलीय शिक्षा संबंधी स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह रहे हैं, ने उच्च शिक्षा विभाग की स्वायत्त संस्थाओं पर अपनी 371वीं रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की है। रिपोर्ट में देश की उच्च शिक्षा प्रणाली से जुड़े कई अहम सुधार सुझाव दिए गए हैं।

1. NTA की क्षमता बढ़ाने और पारदर्शिता की जरूरत

समिति ने कहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हाल के वर्षों में “विश्वास पैदा करने में असफल” रही है।

सिफारिशें:

  • NTA की आंतरिक क्षमता बढ़ाई जाए
  • जरूरत पड़ने पर पेन-पेपर मोड पर वापसी का विकल्प रखा जाए
  • परीक्षाओं की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बढ़ाने पर ज़ोर

2. NAAC में अनियमितताओं पर श्वेतपत्र

समिति ने NAAC में पाए गए अनियमितताओं को बेहद गंभीर माना है और सुझाव दिया है कि:

  • सरकार एक श्वेतपत्र जारी करे
  • सुधारात्मक कदमों को सार्वजनिक रूप से साझा किया जाए

3. UGC ड्राफ्ट नियम (जनवरी 2025) को CABE समीक्षा हेतु भेजा जाए

UGC द्वारा जनवरी 2025 में जारी ड्राफ्ट नियमों को

शिक्षा की केंद्रीय सलाहकार समिति (CABE) के पास समीक्षा के लिए भेजने की अनुशंसा की गई है।

4. सोनम वांगचुक के HIAL को UGC मान्यता

लद्दाख में सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित

HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) को

  • UGC मान्यता देने का सुझाव
  • समिति ने कहा: यह संस्थान स्थानीय समुदायों के लिए अत्यंत उपयोगी है और
    भारतीय ज्ञान परंपरा (IKS) व अनुभवात्मक शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

5. शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए UPS लागू हो

केंद्र द्वारा वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थानों में

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने की अनुशंसा।

6. ICHR में अनियमितताओं की जांच

भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) में

अनियमितताओं के आरोपों की जांच कराने की सिफारिश।

7. JRF राशि बढ़ाई जाए

स्वायत्त संस्थानों द्वारा दिए जाने वाली

JRF (जूनियर रिसर्च फैलोशिप) की राशि बढ़ाने की मांग।

8. ICSSR में 7वां वेतन आयोग लागू व रिक्तियाँ भरने की सिफारिश

  • ICSSR से जुड़े शोध संस्थानों और क्षेत्रीय केंद्रों में
    7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएँ।
  • सभी रिक्तियों को तुरंत भरा जाए
  • प्रमोशन और शीर्ष पदों पर नियुक्तियाँ शीघ्र हों

9. ऑरोविल फाउंडेशन में अधिक भागीदारी आधारित शासन प्रणाली

समिति ने ऑरोविल फाउंडेशन की

‘स्वायत्त प्रकृति’ को संरक्षित रखने पर ज़ोर दिया और

भागीदारी आधारित निर्णय प्रणाली लागू करने को कहा।

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