लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर एक बड़ा राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से राज्य में “व्यवस्थित वोट-चोरी” हुई है, और इसके “ब्लैक-एंड-व्हाइट सबूत” उनके पास हैं।
राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोटर-लिस्ट से जुड़ी कई विसंगतियों का खुलासा करते हुए कहा कि “हरियाणा में सिर्फ़ जनता की सरकार नहीं चुराई गई, बल्कि लोकतंत्र का अपहरण हुआ है।”
राहुल गांधी के आरोप और पेश किए गए सबूत
कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई उदाहरण साझा किए:
- एक ब्राज़ीलियन मॉडल की तस्वीर हरियाणा के 10 बूथों पर 22 वोटरों के रूप में दर्ज है — हर बार नया नाम लेकिन वही फोटो।
- एक ही फोटो के साथ 223 वोट दर्ज हैं, जिनके नाम और पते बार-बार बदले गए हैं।
- एक ही घर में 501 वोटर दर्ज हैं, जबकि वह घर सिर्फ़ कागज़ों में मौजूद है।
- पूरे राज्य में 1,24,177 वोटर-आईडी ऐसी हैं जिनकी तस्वीरें संदिग्ध या दोहराई गई हैं।
- हज़ारों लोगों के नाम हरियाणा और उत्तर प्रदेश दोनों जगह वोटर-लिस्ट में पाए गए हैं — जिनमें कुछ भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल बताए गए हैं।
- कई स्थानों पर वोटर-लिस्ट में “मकान संख्या 0” या “खंभा संख्या 1” जैसे फर्जी पते दर्ज हैं।
राहुल ने कहा, “यह सबूत दिखाते हैं कि किस तरह से मतदाता-सूची को तोड़-मरोड़ कर भाजपा को फायदा पहुँचाया गया। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2023 में केंद्र सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित कानून में किए गए बदलावों का उद्देश्य चुनाव आयोग को “प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अधीन लाने” का था।
Gen-Z के नाम राहुल गांधी का संदेश
राहुल गांधी ने विशेष रूप से देश के युवाओं — विशेषकर Gen-Z और प्रथम बार मतदाताओं — को संबोधित करते हुए कहा:
“आपके हाथ में देश का भविष्य है। जब सत्ता व्यवस्था पर हावी हो जाती है, तब जनता की चेतना ही लोकतंत्र की रक्षा करती है। मैं युवाओं से कहना चाहता हूँ — सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलो, भारी संख्या में मतदान करो। यही वोट चोरी को हराने और लोकतंत्र बचाने का सबसे बड़ा हथियार है।”
उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया के ज़माने में “डर या भ्रम” नहीं बल्कि “सूचना और संगठन” ही वास्तविक शक्ति है।
भाजपा ने भी कांग्रेस के आरोपों को “राजनीतिक नाटक” कहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “कांग्रेस चुनावी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ रही है। हमारे देश की लोकतांत्रिक संस्थाएँ मज़बूत हैं और जनता सच्चाई जानती है।”
राजनीतिक और संवैधानिक असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह खुलासा केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा। यदि इन आरोपों में तथ्य साबित होते हैं, तो यह भारत की चुनावी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाएगा।
कई नागरिक-संगठन पहले से ही वोटर-डेटाबेस की सार्वजनिक समीक्षा, फोटो-वेरिफिकेशन, और बायोमेट्रिक लिंकिंग जैसी माँगें उठा चुके हैं। अब राहुल के इस अभियान के बाद इन माँगों को नया बल मिल सकता है।
लोकतंत्र की परीक्षा
राहुल गांधी का संदेश स्पष्ट है — “यह लड़ाई किसी पार्टी की नहीं, बल्कि भारत के संविधान की है।”
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया के “मेम-वॉर” से आगे बढ़कर सत्य की जानकारी साझा करें, मतदान के प्रति जागरूकता फैलाएँ और बूथ-स्तर पर निगरानी रखें।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कांग्रेस अब हरियाणा और दिल्ली में वोटर-लिस्ट की स्वतंत्र ऑडिट की माँग लेकर निर्वाचन आयोग के समक्ष जाने की तैयारी कर रही है।
हरियाणा का यह “वोट-चोरी विवाद” 2025 की राजनीति में नया मोड़ साबित हो सकता है।
जहाँ भाजपा इसे कांग्रेस का चुनाव-पूर्व प्रोपेगेंडा बता रही है, वहीं राहुल गांधी इसे लोकतंत्र की असल लड़ाई कहते हैं।
अब निगाहें चुनाव आयोग की आगे की कार्रवाई और जनता — खासकर युवाओं — की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह मुद्दा राजनीतिक आरोप भर रहेगा या किसी बड़े चुनावी सुधार की शुरुआत बनेगा।
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Chor Company wale Vote chori kahan nahi ki , is cheej ka pata karna jyada asaan hoga… !!!! Begal aur Karnataka me jyada kar nahi paye thhey, kai jagah pakda bhi gaye thhey…
चोर और EVM सरकारें भगाओ, देश और लोकतन्त्र बचाओ। लोकतन्त्र की हत्या करने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए चाहे वो मास्टरमाइंड तड़ीपार ही क्यों न हो।