कोरबा जिले में अदाणी फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई ‘प्रोजेक्ट उड़ान’ पहल के तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों, प्राचार्यों और शिक्षकों को औद्योगिक और तकनीकी जानकारी से जोड़ने का अभियान जारी है। इसी क्रम में जिले के पाँच ब्लॉकों के 170 से अधिक विद्यालयों के लगभग 7000 विद्यार्थियों को कोरबा पॉवर लिमिटेड (केपीएल) संयंत्र का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाना प्रस्तावित है।
इस सप्ताह आयोजित भ्रमण में कोरबा, पोड़ीउपरोड़ा और पाली ब्लॉकों के चार विद्यालयों के 250 से अधिक विद्यार्थियों तथा 155 प्राचार्यों ने केपीएल संयंत्र का दौरा किया। विद्यार्थियों ने बिजली उत्पादन की आधुनिक तकनीक, मशीनों और प्रक्रियाओं को नज़दीक से देखा और विशेषज्ञ अभियंताओं से जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को दीप प्रज्वलन के साथ सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनीराम मरकाम, सुश्री प्रीति खैरवार, एस.के. नायक, एम.आर. श्रीवास, कोरबा पॉवर लिमिटेड के सीनियर अफसर समीर कुमार मित्रा एवं सी.वी.के. प्रसाद की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर अदाणी फाउंडेशन कोरबा के प्रबंधक ताजेंद्र बंजारे, पवन महतो, और ‘उड़ान’ प्रोजेक्ट इंचार्ज विवेक शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
फाउंडेशन का उद्देश्य छात्रों में उद्यमशीलता और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देना है। समूह के चेयरमैन श्री गौतम अदाणी ने कहा है कि युवाओं को बड़े सपने देखने और अपनी क्षमता पर विश्वास करने की प्रेरणा मिलनी चाहिए।
भ्रमण के दौरान पीएम श्री सेज स्कूल, तिलकेजा के प्राचार्य एम.आर. श्रीवास ने कहा, “अदाणी फाउंडेशन की यह उड़ान परियोजना विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक अनुभव है। हमने बिजली उत्पादन की तकनीक को नज़दीक से समझा, जो शिक्षण के लिए उपयोगी रहेगा।”
वहीं छात्रा संस्कृति रात्रे ने अनुभव साझा करते हुए कहा, “केपीएल संयंत्र को करीब से देखकर हमें उद्योगों और तकनीक की नई दिशा समझ में आई। यह अनुभव हमें भविष्य के लिए प्रेरित करेगा।”
छात्र आदित्य कंवर ने भी कहा,
“यह भ्रमण बहुत ज्ञानवर्धक रहा। हम अदाणी फाउंडेशन के आभारी हैं कि उन्होंने हमें यह अवसर दिया।”
अदाणी फाउंडेशन न केवल शिक्षा, बल्कि स्वास्थ्य, अधोसंरचना और आजीविका उन्नयन के क्षेत्र में भी कोरबा जिले में कई जनहितकारी कार्यक्रम चला रहा है। ग्राम पताड़ी, खोद्दल और सरगबुंदिया में स्वच्छ पेयजल के लिए आरओ प्लांट, सीमेंट सड़क निर्माण और अन्य सामाजिक परियोजनाएँ इसका उदाहरण हैं।
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