कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून में संशोधन इसलिए किया ताकि जनता को असुविधाजनक सच तक पहुँचने से रोका जा सके।

रमेश ने कहा कि पहले यदि किसी सरकारी विभाग से जानकारी नहीं मिलती थी तो लोग RTI का सहारा लेते थे, परंतु अब इस प्रक्रिया को कमजोर कर दिया गया है।

उन्होंने पाँच कारण गिनाए, जिनके चलते मोदी सरकार ने RTI कानून को संशोधित किया —

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1. प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ा मामला

जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के प्रमुख ने एक आदेश में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री संबंधी जानकारी मांगने वालों को वह सूचना दी जानी चाहिए।

“इस फैसले के तुरंत बाद सरकार ने CIC की शक्तियाँ घटाने की दिशा में कदम उठाए,” रमेश ने कहा।

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2. फर्जी राशन कार्ड पर गलत दावा

रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि करोड़ों लोगों के पास फर्जी राशन कार्ड हैं, जबकि RTI के जरिए मिली जानकारी ने यह दावा गलत साबित किया।

“सरकार झूठ पकड़ में आने के बाद जवाबदेही से बचना चाहती थी,” उन्होंने आरोप लगाया।

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3. नोटबंदी से पहले RBI की चेतावनी

कांग्रेस नेता ने कहा कि एक RTI से खुलासा हुआ था कि नोटबंदी से चार घंटे पहले RBI की सेंट्रल बोर्ड मीटिंग में यह राय दी गई थी कि नोटबंदी से काले धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

“यह तथ्य सरकार के दावों के उलट था, इसलिए RTI कानून को कमजोर किया गया,” उन्होंने कहा।

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4. NPA डिफॉल्टर्स और बकाएदारों की सूची

रमेश ने कहा कि RTI के ज़रिए बैंकों के NPA डिफॉल्टर्स और बड़े बकाएदारों की सूची मांगी गई थी, जो सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती थी।

“सरकार ने ऐसी सूचनाओं पर पर्दा डालने के लिए RTI की प्रक्रिया को सीमित किया,” उन्होंने कहा।

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5. काले धन की वापसी पर जानकारी

RTI के माध्यम से जब यह पूछा गया कि देश में कितना काला धन वापस आया, तो सरकार ने जवाब दिया कि ‘कोई काला धन वापस नहीं लाया गया।’

रमेश ने कहा कि “यह जवाब सरकार के चुनावी वादों के विपरीत था, इसलिए RTI को कमजोर करना जरूरी समझा गया।”

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‘RTI अब कमज़ोर हो चुकी है’

जयराम रमेश ने कहा कि 2005 में जब RTI कानून आया था, तो यह जनता को शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही का सशक्त औज़ार देता था।

“लेकिन अब संशोधनों के कारण सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता कम कर दी गई है। वे सरकार के अधीन हो गए हैं,” रमेश ने कहा।

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