कांग्रेस ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर आईटी पार्क की भूमि को एक निजी बिल्डर को फ़्लैट निर्माण के लिए सौंपने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तीखा हमला करते हुए कहा कि “डबल इंजन सरकार का एक और चमत्कार” सामने आया है, जिसमें जनता की ज़मीन और युवाओं के रोजगार की कीमत पर कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
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क्या है मामला?
देहरादून के आईटी पार्क को मूल रूप से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार ने इस पार्क की कीमती भूमि को संदिग्ध निविदा प्रक्रिया के तहत एक ही निजी बिल्डर को सौंप दिया।
पवन खेड़ा ने कहा —
“सरकारी ज़मीन को बिल्डर को ‘उपहार’ में दे दिया गया है और राज्य सरकार खुद इस सौदे की फाइनेंसर बन गई है। यह सार्वजनिक संपत्ति की खुली लूट है।”
पत्रकार को नोटिस भेजने पर आपत्ति
कांग्रेस ने इस घोटाले को उजागर करने वाले पत्रकार अजीत राठी को भेजे गए कानूनी नोटिस पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
खेड़ा ने कहा —
“भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों को डराया-धमकाया जा रहा है। धामी सरकार जवाब देने के बजाय सच्चाई दबाने में लगी है।”
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा कि—
“जनता की संपत्ति को इस तरह निजी हाथों में सौंपना युवाओं के भविष्य के साथ विश्वासघात है।”
खेड़ा ने अपने बयान में कहा —
“इस निर्लज्ज लूट ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि यह घटना दिखाती है कि “डबल इंजन” वास्तव में “डबल भ्रष्टाचार” का प्रतीक बन चुका है।