सोमवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया, जब किसी व्यक्ति ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) B. R. Gavai की ओर कुछ फेंकने की कोशिश की। यह हादसा कोर्ट की हलचल में अचानक सामने आया, लेकिन CJI गavai ने निर्विघ्न तरीके से सुनवाई जारी रखी।
घटना का ब्योरा
- सोमवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट के न्यायालय कक्ष में, सुनवाई के बीच एक व्यक्ति अचानक चीफ जस्टिस की डेस्क की ओर झपट पड़ा और हथियार की तरह कुछ फेंकने की कोशिश की।
- कुछ साक्षियों ने बताया कि फेंका जाने वाला पदार्थ एक जूता था, जबकि अन्य लोग कहते हैं कि यह एक कागज का रोल था।
- घटना के दौरान, व्यक्ति “Sanatan ka apmaan nahi sahenge” (सनातन का अपमान नहीं सहेंगे) जैसे नारे लगा रहा था।
- वह व्यक्ति, जो कोरूम के अंदर वकील की पोशाक में था, तुरंत सुरक्षा कर्मियों द्वारा बाहर निकाल लिया गया।
- बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।
CJI की प्रतिक्रिया और सुनवाई की बहाली
- इस अप्रत्याशित घटना के बावजूद, CJI गavai शांत और स्थिर बने रहे। उन्होंने तुरंत कहा, “Don’t get distracted. We are not distracted,” और सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए।
- एक वकील के बयानों के अनुसार, CJI ने यह भी कहा कि “These things do not affect me (ऐसी चीजें मुझे प्रभावित नहीं करतीं)।”
- कोर्ट कक्ष में हुई इस हरकत की वजह से सुनवाई थोड़ी देर के लिए बाधित हुई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय रही और कार्यवाही जल्द ही पुनः शुरू हो गई।
पृष्ठभूमि और विवाद
- इस घटना का संबंध संभवतः CJI गavai की एक पहले की टिप्पणी से है, जो एक मामले में उन्होंने कहा था:
“Go and ask the deity itself … You say you are a staunch devotee of Lord Vishnu. So go and pray now.” - यह टिप्पणी खंड बहाली के एक मामले से जुड़ी थी जिसमें खजुराहो में भगवान विष्णु की कटे हुए मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई थी।
- तब से इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया और सार्वजनिक रूप से तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आई थीं।
- बाद में कोर्ट में CJI गavai ने कहा कि उन्होंने किसी धर्म का अपमान करने का इरादा नहीं किया था और उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया है।
सुरक्षा व न्यायालय व्यवस्था पर प्रभाव
- यह घटना सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है कि कैसे किसी व्यक्ति ने कोर्ट कक्ष तक अपनी पहुंच बनाई।
- साथ ही यह घटनाक्रम न्यायपालिका के समक्ष धार्मिक संवेदनशीलता, न्यायाधीशों की टिप्पणी एवं उनकी सार्वजनिक प्रतिक्रिया की सीमाओं की एक नई बहस ला सकता है।
- हालांकि, CJI का शांत और सुसंगत रवैया — घटना के बावजूद न्यायालय की कार्यवाही को अविचलित रूप से जारी रखना — इसे एक उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है कि न्यायपालिका किस प्रकार ऐसी चुनौतियों से निपट सकती है।