एसईसीएल के चिरमिरी क्षेत्र की खुली खदान में सोमवार को कोयला उत्खनन के दौरान भयंकर विस्फोट हो गया। बताया जा रहा है कि इस हादसे में एक महिला समेत करीब आठ मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना ने एक बार फिर एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विस्फोट के बाद खदान परिसर और अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज जारी है।

मजदूरों और यूनियन का आरोप — “सुरक्षा नियमों की खुली अनदेखी”

स्थानीय मजदूरों और यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कोयले की परत तोड़ने के लिए बारूद बिछाने और ब्लास्टिंग की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षात्मक दूरी और एहतियात का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते मजदूर विस्फोट के मलबे और छर्रों की चपेट में आ गए।

घटना के बाद मजदूरों के परिजनों और सहकर्मियों में गहरा आक्रोश है। उनका आरोप है कि काफी देर तक कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा, जिससे गुस्सा और बढ़ गया। लोगों ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर तत्काल कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की जानलेवा घटनाएँ दोबारा न हों।

प्रबंधन का दावा — “तकनीकी गड़बड़ी से पहले हुई ब्लास्टिंग, कोई हताहत नहीं”

इस बीच, एसईसीएल बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी सनिश कुमार ने एक बयान जारी कर कहा कि “चिरमिरी ओपनकास्ट में आज संभावित तकनीकी गड़बड़ी के कारण निर्धारित समय से पहले ब्लास्टिंग हो गई। सभी कर्मचारी बाल-बाल बच गए हैं। कोई हताहत नहीं हुआ। मामूली इलाज के बाद टीम को अस्पताल से वापस भेजा जा रहा है।”

“भयभीत कर देने वाली घटना, गहन जांच जरूरी”

गोपाल नारायणन सिंह, केंद्रीय अध्यक्ष SEKMC INTUC

केंद्रीय अध्यक्ष, एस ई के एम सी (INTUC) और स्टीयरिंग कमेटी सदस्य,  गोपाल नारायणन सिंह ने कहा “चिरमिरी ओसीएम में हुई यह घटना बहुत ही भयभीत कर देने वाली है। ईश्वर की कृपा से कोई भी व्यक्ति गंभीर रूप से घायल या हताहत नहीं हुआ, किंतु इस घटना की गंभीरता को देखते हुए इस पूरे घटनाक्रम की गहन जांच की जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”

जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और एसईसीएल प्रबंधन की टीम मौके पर पहुँच गई है। प्रशासन ने बताया है कि मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है, जबकि घायल मजदूरों की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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