भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाजपा प्रवक्ता पिंटू महादेव द्वारा टीवी डिबेट के दौरान विपक्ष के नेता (LoP) राहुल गांधी को खुलेआम दी गई मौत की धमकी की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस ने इस घटना को न केवल “अत्यंत घृणित” बल्कि “संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला” बताया है।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह कोई तात्कालिक टिप्पणी या उग्र बयानबाज़ी नहीं थी, बल्कि एक “सोची-समझी और योजनाबद्ध धमकी” थी। बयान जारी करते हुए कांग्रेस ने कहा—
“यह सीधा हमला है उस संविधान पर, जो हर नागरिक को सुरक्षा और गरिमा का अधिकार देता है। यह धमकी न केवल राहुल गांधी जी के लिए है, बल्कि पूरे लोकतंत्र और कानून के शासन पर चोट है।”
कांग्रेस ने सवाल उठाए कि—
- क्या यह राहुल गांधी के खिलाफ किसी बड़े और खतरनाक षड्यंत्र का हिस्सा है?
- क्या भाजपा अब विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने और हिंसा की राजनीति को सामान्य बनाना चाहती है?
- क्या भाजपा नेतृत्व ऐसे बयानों का मौन समर्थन कर रहा है?
कांग्रेस की ओर से दो बड़े मांगें रखी गई हैं—
👉 राज्य पुलिस तत्काल और सख्त कार्रवाई करे तथा पिंटू महादेव को गिरफ्तार करे।
👉 भाजपा नेतृत्व इस पर स्पष्ट रुख अपनाए, सार्वजनिक माफी मांगे और आधिकारिक तौर पर ऐसी धमकियों की निंदा करे।
कांग्रेस ने कहा कि यदि भाजपा और उसके शीर्ष नेतृत्व—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह—इस मामले में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह मानने का हर कारण होगा कि वे इस “निंदनीय कृत्य में सहभागी” हैं।
पार्टी ने साफ किया कि राहुल गांधी का निडर संघर्ष आरएसएस-भाजपा की विचारधारा के खिलाफ और जनता की आवाज़ बुलंद करने का अभियान जारी रहेगा। कांग्रेस का कहना है—
“हम जितना डराने की कोशिश करेंगे, उतना ही हमारा संकल्प और मजबूत होगा। राहुल गांधी जी संविधान की रक्षा और जनता के अधिकारों की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।”
कांग्रेस ने पूरे देश से अपील की है कि इस प्रकार की धमकियों और तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ लोकतांत्रिक एकजुटता दिखाएँ।