0 कुंभकरणी नींद से जाग नही रहा है निगम प्रशासन….

महासमुंद। अवैध कॉलोनी का कारोबार महासमुंद में जमकर फल फूल रहा है और जिला प्रशासन के कांन में जूं नहीं रेंग रही है। महासमुंद शहर के बीचो -बीच शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए छोटे प्लाटों की कटिंग कर मुरम की सड़क बनाकर शासन को अंगूठा दिखाते हुए बड़ी दिलेरी से छोटे भू भागों को बेचा जा रहा है, जबकि शासन ने 2200 फीट जमीन के टुकड़ों की ही रजिस्ट्री अनिवार्य की है, उसके बाद भी यहां गलत तरीके से प्लॉट की रजिस्ट्री की जा रही है और राज्य शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

खुद को बता रहे डिप्टी सीएम का रिश्तेदार

रेलवे स्टेशन छिपीया पारा में बहुत ही बड़े भूभाग पर मुरम की रोड बनाकर रेलवे स्टेशन के ठीक पीछे 7 एकड़ भूमि में अवैध प्लॉटिंग की जा रही है और यह कम करने वाले रसूखदार खुद को डिप्टी सीएम का रिश्तेदार बता कर शहर में काम कर रहे हैं। नगर पालिका के द्वारा सब कुछ जानते हुए भी प्लॉट खरीदने वालों को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र जारी किया जा रहा है

नगर पालिका के अध्यक्ष भी रिश्तेदार..?

वैसे इस मामले में नगर पालिका पर भी एक प्रश्न चिन्ह उठ रहा है। वो यह कि निगम के जो अध्यक्ष हैं, वह भी इन रसूखदारों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। इसी कारण वे अवैध कॉलोनी बनाकर पिछले कई सालों से निश्चिंत होकर अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। एक तरफ शासन राजधानी रायपुर में प्लॉटिंग के ऊपर बुलडोजर चला कर कई मकानों को धराशाई कर रहा है और वहीं दूसरी तरफ लोगों के द्वारा शासन और प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए बड़े-बड़े भूभाग को अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर बेचा जा रहा है। विगत तीन-चार वर्षो से प्लाट मालिकों के द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही है और अब तक इनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकी है ।

सरकार किसी की भी हो, इनकी चलती है…

कांग्रेस शासन और उसके बाद भाजपा शासन दोनों में किसी ने भी उक्त भू-भाग के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्रवाई आज दिनांक तक नहीं की है, जबकि भू-भाग का टुकड़ा शहर के मध्य स्थित है। रोजाना लोगों का उक्त मार्ग से आना जाना है उसके बाद भी राजस्व टीम व नगर निवेश ने किसी भी प्रकार की करवाई आज तक नहीं की और उल्टा प्रशासन के द्वारा शासन के नियमों की अवहेलना करते हुए उक्त भूमि में लोगों को भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदान किया जा रहा है। उक्त भूभाग कई लोगों के नाम पर है। अब तक लखन लाल साहू, संजीव प्रशांत साहू, उमाशंकर साहू, गंगू प्रसाद साहू, शेखर साहू के नाम सामने आए हैं।

इस प्लॉट का रकबा 7 एकड़ है, जिसमें से इनके द्वारा कुछ सालों में 30 से 40 टुकड़ों को बेचा गया है, जिन खसरों को काटा जा रहा है, उनके नंबर 15006, 875, 15012, 15005, 15007, 15004, 868, 867 हैं। अब देखना यह है कि अवैध कारोबार अवैध प्लाटिंग करने वाले रसूखदारों पर कब बुलडोजर चलता है। शासन कड़े रुख पर कब आती है और छिपीया पारा में चल रही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर कब चलता है। अब अगली खबर में हम सारे दस्तावेजों के साथ खुलासा करेंगे, कितने भागों में हुई है रजिस्ट्री और खरीदने वालों के नाम के साथ जमीन के सारे दस्तावेज भी सामने आएंगे।

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