केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कठुआ स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमआरआई (MRI) मशीन की स्थापना के लिए धनराशि स्वीकृत होने की जानकारी साझा करने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। लोग इस मशीन की लागत पर सवाल खड़े कर रहे हैं और शासकीय क्रय में भ्रष्टाचार की आशंका जता रहे हैं।

जितेंद्र सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा:

“An amount of Rs 17,98,43,461.08 has been sanctioned for installation of MRI machine in Government Medical College Kathua. This will give a huge boost to the healthcare by providing diagnostic facility for many a complicated disease for which the needy patients had to travel either to Jammu or to distance places like Chandigarh, Delhi etc.”

हालाँकि, इस घोषणा के बाद कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने इस राशि पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि लगभग 18 करोड़ रुपये की धनराशि एक MRI मशीन की स्थापना के लिए अत्यधिक है। एक विशेषज्ञ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “किसी प्राइवेट सेटअप में इतनी राशि से कम से कम चार 1.5 टेस्ला MRI मशीनें लगाई जा सकती हैं।”

लोगों ने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए कहा कि जब इस तरह खुलेआम भारी-भरकम लागत दिखाई जाती है तो भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कठुआ और आसपास के इलाकों में मरीजों को लंबे समय से उन्नत डायग्नॉस्टिक सुविधाओं की जरूरत थी। MRI मशीन की स्थापना से निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, लेकिन इसकी लागत को लेकर उठे सवालों ने सरकार की पारदर्शिता पर संदेह पैदा कर दिया है।

अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों और संदेहों पर क्या स्पष्टीकरण देती है और क्या इस मामले की जांच की दिशा में कोई कदम उठाया जाता है।

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