पत्रकार अभिसार शर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके आयकर विवरण (Income Tax Records) को अवैध रूप से लीक किया गया है और इसका इस्तेमाल उन्हें बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की है कि वे इस मामले में आयकर विभाग और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएँगे।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा:
“बूझो तो जानें, यह किस महान पत्रकार का इनकम टैक्स रिटर्न है, नौकरी में 18 लाख, नौकरी छोड़ते ही यानी मोदी जी/भाजपा को गली गली में घूमकर गाली देते ही करोड़ों में। यही है असली सच्चाई।”
इस ट्वीट के बाद अभिसार शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि यह जानकारी सरकारी डाटाबेस से अवैध रूप से निकाली गई है और इसका इस्तेमाल उनकी साख पर हमला करने के लिए किया गया।
अभिसार शर्मा का निवेदन
पत्रकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए लिखा:
“मैडम @nsitharaman जी, पत्रकार और इस देश का चिंतित नागरिक होने के नाते, मैं आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूँ कि जो गोपनीय दस्तावेज़ और टैक्सपेयर्स की डिटेल्स सरकार के पास भरोसे (fiduciary capacity) में होती हैं, वही अब सार्वजनिक मंच पर ट्वीट की जा रही हैं—और वो भी किसी और ने नहीं बल्कि एक सांसद द्वारा।
क्या यही वो इमेज है जो सरकार देश के बारे में दिखाना चाहती है—जहाँ गोपनीयता और कानून के नियमों को ताक पर रखकर सिर्फ उस वर्ग को खुश किया जाए जो ट्विटर के ज़रिए देश चलाना चाहता है? अब @nishikant_dubey के खिलाफ FIR दर्ज करने जा रहा हूं। यह Officials Secrets Act का उल्लंघन है!”
डेटा सुरक्षा और कानून पर सवाल
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन ऐक्ट पारित किया है। आलोचकों का कहना है कि यह कानून पत्रकारों और पारदर्शिता कार्यकर्ताओं को सूचना के अधिकार (RTI) या अन्य माध्यमों से सरकारी आंकड़ों तक पहुँचने से रोक देगा, लेकिन दूसरी ओर सत्ता पक्ष से जुड़े लोग सरकारी गोपनीय आंकड़ों का राजनीतिक उपयोग कर रहे हैं।
विपक्षी दलों और मीडिया संगठनों ने इस पूरे प्रकरण को लोकतंत्र और निजता पर हमला बताया है। उनका कहना है कि जब पत्रकार और आम नागरिकों से सूचना छिपाई जाती है, लेकिन सत्ताधारी दल के सांसद गोपनीय रिकॉर्ड तक पहुँच बनाकर उनका दुरुपयोग करते हैं, तो यह पारदर्शिता और क़ानून दोनों के लिए खतरे की घंटी है।
पत्रकार अभिसार शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने आय पर कानूनसम्मत कर चुकाया है, और उनके खिलाफ चलाया जा रहा यह अभियान पूरी तरह राजनीतिक प्रेरित है। अब देखना यह है कि उनकी ओर से दर्ज की जाने वाली एफआईआर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियां क्या रुख अपनाती हैं।