भारत की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज CoinDCX ने हाल ही में एक बड़े साइबर हमले का खुलासा किया है, जिसमें कंपनी के ऑपरेशनल वॉलेट से करीब ₹368 करोड़ (लगभग $44 मिलियन) की क्रिप्टो संपत्ति चुराई गई है। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों की फंड पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनकी वॉलेट्स इस हमले से प्रभावित नहीं हुए हैं।
CoinDCX के अनुसार, यह हमला केवल उनके आंतरिक संचालन वॉलेट तक सीमित था, जिसका उपयोग प्लेटफॉर्म पर तरलता बनाए रखने के लिए किया जाता है। सभी ग्राहक फंड कोल्ड वॉलेट्स में सुरक्षित रखे जाते हैं और वे इस घटना से पूरी तरह अप्रभावित हैं।
कंपनी ने कहा,
“हमने इस वित्तीय नुकसान की भरपाई अपने ट्रेजरी रिज़र्व से कर ली है और इस घटना से हमारे ग्राहकों या प्लेटफॉर्म की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है।”
क्रिप्टो रिकवरी के लिए बाउंटी ऑफर
CoinDCX ने चोरी गए फंड को ट्रैक करने और वापस लाने के लिए एक व्हाइट हैट रिकवरी बाउंटी की घोषणा की है। इसके तहत, फंड की रिकवरी में मदद करने वालों को 25% तक का इनाम दिया जाएगा। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो रिकवरी बाउंटी माना जा रहा है।
जांच और ट्रेसिंग जारी
CoinDCX, CERT-In, अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों और ब्लॉकचेन विश्लेषकों के साथ मिलकर इस घटना की जांच कर रही है। चोरी की गई राशि को फिलहाल Solana और Ethereum नेटवर्क के जरिए ट्रांसफर किया गया है और इसे Tornado Cash जैसे मिक्सिंग टूल्स के माध्यम से छिपाने की कोशिश की गई है।
ग्राहकों के लिए क्या मायने रखता है यह हमला?
- ग्राहक की सभी संपत्तियाँ और वॉलेट्स पूरी तरह सुरक्षित हैं।
- प्लेटफॉर्म की सेवाएं — ट्रेडिंग, INR डिपॉजिट और विदड्रॉवल — सामान्य रूप से चालू हैं।
- CoinDCX साइबर सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और भविष्य में ऐसे हमलों से बचाव के लिए अतिरिक्त कदम उठा रही है।
CoinDCX ने भरोसा दिलाया है कि ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कंपनी ने नुकसान की जिम्मेदारी स्वयं ली है और ग्राहकों के हितों की रक्षा की है। क्रिप्टो समुदाय में इस कदम को पारदर्शिता और भरोसे की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।