कोरबा जिले की कटघोरा तहसील के बागों थाना क्षेत्र में पुलिस और आबकारी टीम ग्रामीणों द्वारा घेर लिए जाने के बाद हमला झेलनी पड़ी। यह घटना उस समय सामने आयी जब आबकारी टीम कथित आरोपित को पकड़ने गई थी।

घटना का विवरण:

स्थानीय ग्रामीणों ने अस्पतालें सूचना मिलने पर आबकारी टीम और कथित आरोपित पर हमला कर दिया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और पीछे हटने पर जोर डाला 

इस हमले के बाद तीन सिपाहियों में से दो सुरक्षित रूप से वापस लौटे, लेकिन एक सिपाही अनिल अभी भी लापता बताया जा रहा है।

ग्रामीणों ने पुलिस पर अवैध महुआ शराब बिक्री की कार्रवाई के विरोध में मोहल्ला घेर लिया और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की 

पुलिस महकमे में हड़कंप:

इस घटनाक्रम के बाद कटघोरा पुलिस महकमे में चिंता और सक्रियता देखी गई।आसपास के थानों में पुलिस बल तैनात व सतर्क किया गया, और अनिल नामक लापता सिपाही की खोज शुरू कर दी गई 

पीछे की पृष्ठभूमि:

  • कटघोरा क्षेत्र पहले भी अवैध शराब की बिक्री पर नशामुक्ति अभियान चला चुका है, जिसमें ग्रामीण पुलिस के साथ सीधे जुड़ गए थे 
  • पुलिस कर्मियों को समय-समय पर कमी एवं दबाव का सामना भी करना पड़ा है, जिससे वे अतिरिक्त कार्यों में व्यस्त हो रहे हैं।

यह घटना ग्रामीणों के उग्र हो जाने की प्रवृत्ति को दर्शाती है, खासकर जब उन्हें लगता है कि सरकारी कार्रवाई बिना उचित सूचना या सहभागिता के की जा रही है।

यह भी सवाल उठता है कि क्या पुलिस ने स्थानीय प्रतिनिधियों या पंचायत सदस्यों को समुचित जानकारी दी थी? इस तरह की बातचीत और समझौते की कमी से संघर्ष पैदा हो सकते हैं।

यह घटना केवल एक पुलिस–ग्रामीण टकराव नहीं है, बल्कि यह विश्वास और संवाद की कमी के कारण फलित विवादों को भी उजागर करती है।एक तरफ पुलिस कार्यवाही करती है, दूसरी ओर ग्रामीण उसे एकतरफा और अनदेखी मानते हैं।

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