केन्या के साक्ष्य-प्रदाता और पारदर्शिता कार्यकर्ता नेल्सन अमेन्या (@amenya_nelson) ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर स्पष्ट चेतावनी दी है कि उन पर “चुप कराने की साजिश रची जा रही है” ताकि सरकारी स्तर पर ADANI समूह के सौदे सुगमता से आगे बढ़ सकें।

⚠️ चेतावनी का कंटेंट: X पर अमेंया ने घोषणा की:

“if anything happens to me, it will not be an accident… if you think by getting rid of me it will stop, you are wrong—10 more Nelsons will rise”

उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें “deceptive offers” देकर उनका भरोसा तोड़ने की कोशिश की गई, ताकि वे अपनी जानकारी सार्वजनिक न करें।

30 वर्ष के अमेन्या ने जुलाई 2024 में केन्याई सरकार और ADANI ग्रुप के बीच JKIA एयरपोर्ट सौदे (लगभग $1.85 बिलियन, 30 वर्ष का लीज़) में “गोपनीय और अनियमित” पहलु उजागर किये 

अफरीका और स्थानीय मीडिया के सामने उन्होंने कहा कि सौदा पारदर्शी प्रक्रिया के बजाय ऑफ़-टेबिल चर्चा थी ।

2024 से ही उन्हें मौत की धमकियाँ, डी.सी.आई. (Directorate of Criminal Investigations) द्वारा जांच का पत्र, और उनके निकट सहयोगियों को भी धमकियाँ मिल रही हैं 

सौदे का हाल:

अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गौतम अदानी और सहयोगियों पर भ्रष्टाचार-आरोप लगाए गए, जिसके बाद नवंबर 2024 में केन्याई राष्ट्रपति विलियम रूटो ने लगभग $2.6 बिलियन के ADANI-केन्‍या सौदों को रद्द कर दिया 

हालांकि अदानी समूह ने लगातार इन आरोपों को निराधार बताया है।

🛡️ तत्काल प्रभाव:

  • अमेन्या विदेश (फ़्रांस) में एमबीए कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह “कहीं भी सुरक्षित नहीं” हैं और उन्होंने फ्रांसीसी पुलिस में अपनी सुरक्षा की चिंता दर्ज करवाई है ।
  • उनके समर्थन में Transparency International Kenya और स्थानीय सांसद शामिल हैं, जिन्होंने कहा है कि whistleblower को कानूनी और शारीरिक सुरक्षा की आवश्यकता है 

अमेन्या का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश चल रही है ताकि ADANI समूह के सौदे बिना रोके आगे बढ़ सकें। उन्होंने चेताया है—“कुछ भी हो गया तो यह हादसा नहीं होगा”।

इससे एक बड़ा सवाल उठता है: क्या सच बोलने वालों को स्वतंत्रता मिलती है या उन्हें चुप रहने के लिए डराया जाता है? और अगर ऐसी साजिशों को बेनकाब किया जाए, तो क्या इस तरह की पारदर्शिता आंदोलनों को बढ़ावा मिलेगा?

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