सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने मंगलवार को पूर्वोत्तर रेलवे को कड़ा विरोध पत्र भेजा है, जिसमें एक विशेष ट्रेन को “गंदे और जर्जर” डिब्बों के साथ भेजे जाने पर गंभीर आपत्ति जताई गई है। यह ट्रेन अमरनाथ यात्रा (3 जुलाई से 9 अगस्त 2025) के दौरान जम्मू-कश्मीर में तैनाती के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र से BSF जवानों को लेकर जा रही थी।
एक कमांडेंट स्तर के अधिकारी ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) पर जवानों की आवाजाही के लिए ट्रेन मुहैया कराने में “अक्षम्य देरी” का आरोप भी लगाया है। इस देरी के कारण जवानों को 72 घंटे से भी ज्यादा विलंब से यात्रा पर निकलना पड़ा। ये जवान 12 जून तक जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले थे, लेकिन ट्रेन मंगलवार शाम तक ही रवाना हो सकी।
अधिकारी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “अमरनाथ जी यात्रा ड्यूटी के लिए CAPF की विशेष ट्रेन पहले से ही 6 जून को त्रिपुरा के उदयपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात किए जाने हेतु अधिसूचित की गई थी। लेकिन रेलवे की अक्षम्य देरी के चलते ट्रेन 9 जून 2025 को शाम 6:30 बजे ही स्टेशन पर उपलब्ध कराई गई।”
रेलवे की ओर से सफाई देते हुए, NFR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के.के. शर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे कोच मरम्मत कार्य के लिए लगाए गए थे और उन्हें यात्रियों के उपयोग के लिए नहीं जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, “कुछ CAPF जवान गलती से उन कोच में चढ़ गए, जिससे भ्रम की स्थिति बनी। दोनों कोच को बाद में अगरतला में ट्रेन से हटा दिया गया और अब ट्रेन रवाना हो चुकी है।”
BSF अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन की स्थिति इतनी खराब थी कि ऐसा लग रहा था मानो डिब्बों का महीनों से उपयोग ही नहीं हुआ हो। निरीक्षण के दौरान कोचों में टूटी सीटें, जगह-जगह छेद, गंदगी, कॉकरोच और अन्य कीड़े पाए गए। शौचालयों की हालत इतनी खराब थी कि चारों तरफ मानव मल फैला था और पानी भी उपलब्ध नहीं था।
BSF की ओर से कहा गया, “इन परिस्थितियों में इतने लंबे सफर के लिए जवानों का यात्रा करना संभव नहीं है। इससे पहले ही कई जवान बीमार पड़ सकते हैं।”
BSF ने पूर्वोत्तर रेलवे को स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे डिब्बों को तुरंत बदला जाए और रेलवे के नियमानुसार कार्रवाई कर यात्रा को समय पर संपन्न कराया जाए। जवानों की तैनाती के लिए कुल 24 कोचों की जरूरत थी, जो कि उदयपुर अम्बानी बदरपुर गोलपारा और कोचबेहार जैसे स्टेशनों से बोर्ड करने वाले थे। रेलवे को 2 जून को ही इसकी जानकारी दे दी गई थी, बावजूद इसके ट्रेन 6 जून के बजाय 10 जून को ही रवाना हो पाई।
बता दें कि इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा विशेष रूप से संवेदनशील मानी जा रही है, क्योंकि हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। इसी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में CAPF की 425 कंपनियों की तैनाती की मंजूरी दी है, जिनमें से सबसे ज्यादा 130 कंपनियां BSF की हैं।