इंदौर से हनीमून पर आए दंपति राजा और सोनम रघुवंशी ने 22 मई को मेघालय के नोंगरियात गांव में स्थानीय गाइड अल्बर्ट पीड की सेवा लेने से मना कर दिया था। लेकिन अगली सुबह एक संयोगी मुलाकात ने गाइड को हत्या की जांच में अहम गवाह बना दिया।
कैसे सोनम रघुवंशी पकड़ी गई झूठ बोलते हुए
अल्बर्ट पीड ने पुलिस को बताया:
“मैंने उस जोड़े को 23 मई को तीन अजनबी पुरुषों के साथ चढ़ाई करते देखा। पुरुष आगे चल रहे थे और महिला पीछे थी। वे हिंदी में बात कर रहे थे।”
उसकी यही गवाही जांच की दिशा मोड़ने में निर्णायक बनी, जिसके बाद पुलिस ने तीन संदिग्धों को ट्रैक किया और अंततः सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी तक पहुंच गई। पुलिस के अनुसार, सोनम ने ही हत्यारों को किराए पर लेकर पति की हत्या करवाई थी।
हनीमून से हत्या तक: सोनम रघुवंशी की साजिश की टाइमलाइन
11 मई – शादी
राजा और सोनम रघुवंशी की शादी इंदौर में हुई।
20 मई – मेघालय के लिए रवाना
दंपति हनीमून मनाने के लिए शिलॉन्ग के लिए निकले।
21 मई – शिलॉन्ग पहुंचना
उन्होंने शाम को बालाजी गेस्ट हाउस में चेक-इन किया।
22 मई – सोहरा और नोंगरियात की यात्रा
स्कूटर किराए पर लेकर दंपति सोहरा और फिर मावलाखियात गांव पहुंचे। वे एक गाइड की मदद से नोंगरियात स्थित शिपारा होमस्टे तक ट्रेक पर गए। उसी दिन अल्बर्ट पीड ने उन्हें गाइड सेवा देने की पेशकश की, जिसे दंपति ने ठुकरा दिया।
23 मई – दंपति लापता
उन्होंने होमस्टे से चेकआउट किया और बिना गाइड के लौटने लगे। सुबह 10 बजे के आसपास अल्बर्ट ने उन्हें दोबारा देखा—इस बार तीन हिंदी भाषी पुरुषों के साथ, जो उनके साथ सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे। यही राजा की आखिरी देखी गई झलक थी।
24 मई – स्कूटर मिला लावारिस
सोहरारिम गांव के मुखिया ने पुलिस को एक लावारिस स्कूटर की सूचना दी, जिसे बाद में दंपति से जोड़ा गया।
25 मई – स्कूटर की पुष्टि
पुलिस ने पुष्टि की कि स्कूटर दंपति ने किराए पर लिया था। उनकी तलाश तेज कर दी गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
2 जून – राजा का शव बरामद
पुलिस ने ड्रोन की मदद से वेई साओडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई में राजा का सड़ा-गला शव बरामद किया। वहीं एक माछेटी (तेज धारदार हथियार) और मोबाइल फोन भी मिला। कुछ किलोमीटर दूर एक खून से सना रेनकोट मिला।
3–7 जून – जांच में प्रगति
पुलिस ने गवाहों के बयान लिए, जिनमें अल्बर्ट पीड की गवाही भी शामिल थी। 22 मई को दंपति के होमस्टे में आने का सीसीटीवी फुटेज भी मिला, जिससे घटनाओं की कड़ी जुड़ने लगी।
अल्बर्ट ने कहा कि 23 मई की सुबह करीब 10 बजे उसने राजा और सोनम को तीन पुरुषों के साथ मावलाखियात की ओर चढ़ते देखा। उसने उन्हें पहचाना क्योंकि पिछली सुबह उसने ही गाइड बनने की पेशकश की थी, जिसे दंपति ने ठुकरा दिया था।
वह भी बताता है कि तीनों पुरुष हिंदी में बात कर रहे थे, जिससे स्पष्ट था कि वे स्थानीय नहीं हैं।
9 जून – सोनम और तीन आरोपित गिरफ्तार
मेघालय की डीजीपी एल. नोंगरांग ने पुष्टि की कि सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आत्मसमर्पण किया। तीन अन्य पुरुषों को रातभर चली छापेमारी में गिरफ्तार किया गया, जो इस हत्या में शामिल थे।