लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (EC) की ओर से दिए गए हालिया जवाब को “बिना हस्ताक्षर वाला और टालमटोल करने वाला” करार देते हुए उस पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि अगर आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उसे उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब सार्वजनिक रूप से देना चाहिए।

राहुल गांधी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में चुनाव आयोग से दो प्रमुख माँगें कीं:

  • हाल के लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनावों की डिजिटल, मशीन-रीडेबल मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए।
  • महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों की शाम 5 बजे के बाद की पूरी CCTV फुटेज जारी की जाए।

उन्होंने लिखा:

“अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो सवालों का जवाब दीजिए और सच्चाई साबित कीजिए। टालमटोल करने से प्रतिष्ठा नहीं बचेगी, सच्चाई बताने से बचेगी।”

🔍 पृष्ठभूमि

यह विवाद राहुल गांधी के एक लेख से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की मैच फिक्सिंग” बताते हुए पांच बिंदुओं पर आधारित एक कथित षड्यंत्र की रूपरेखा रखी थी:

  1. चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में हेरफेर
  2. फर्जी मतदाताओं को जोड़ा जाना
  3. मतदान प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाना
  4. टारगेटेड तरीके से फर्जी वोटिंग कराना
  5. सबूतों को छुपाना

राहुल ने यह भी चेतावनी दी कि इस तरह की प्रक्रिया बिहार समेत अन्य आगामी चुनावों में भी दोहराई जा सकती है।

📌 चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “पूरी तरह निराधार और अस्वीकार्य” बताया। आयोग ने कहा कि सभी प्रक्रियाएं पूरी पारदर्शिता से और सभी दलों की निगरानी में संपन्न हुईं। इसके अलावा, आयोग ने यह भी कहा कि:

  • कांग्रेस पार्टी को दिसंबर 2024 में सभी सवालों के जवाब एक विस्तृत पत्र के माध्यम से दे दिए गए थे।
  • महाराष्ट्र में अंतिम मतदाता सूची को लेकर केवल 89 अपीलें आईं थीं, जो 9.78 करोड़ मतदाताओं के बीच बहुत ही कम संख्या है।

📺 क्या CCTV फुटेज सार्वजनिक होगी?

राहुल गांधी की मांगों में सबसे अहम CCTV फुटेज जारी करने की बात है, खासकर मतदान खत्म होने के बाद की। चुनाव आयोग ने इस मांग पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन इस पर कानूनी बहस की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच टकराव ने भारतीय चुनावी व्यवस्था की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर एक नई बहस को जन्म दिया है। एक ओर जहां राहुल गांधी डिजिटल साक्ष्यों की सार्वजनिकता की मांग कर रहे हैं, वहीं आयोग खुद को निष्पक्ष और नियमों के अनुसार कार्य करने वाला संस्थान बता रहा है।

क्या चुनाव आयोग राहुल गांधी की इन मांगों पर विचार करेगा? या यह टकराव और गहराएगा? यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।

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One thought on “राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर फिर साधा निशाना, महाराष्ट्र चुनावों की पारदर्शिता पर उठाए सवाल”
  1. Abhi ke poore chunav me EVM ghaple hue hai. Iska praman Mehmood pracha ji ne sarvajanik kar chuke hai. Loktantra ke hitaishi partiyon ko Mehmood pracha ji ko samarthan dena chahiye, jisse bharat me Loktantr ki bahali ho jay. Jai Hind….

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