केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ओडिशा स्थित डिप्टी डायरेक्टर चिंतन रघुवंशी को 50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रघुवंशी, जो 2013 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं, पर एक खनन व्यवसायी से मनी लॉन्ड्रिंग मामले को “सेटल” करने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप है।
CBI द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, व्यवसायी रतिकांत राउत ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रघुवंशी ने पहले 5 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसे बाद में 2 करोड़ रुपये तक घटाया गया। राउत को पहले 50 लाख रुपये की पहली किस्त देने के लिए कहा गया था। CBI ने एक जाल बिछाकर रघुवंशी को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया, जो इस बड़ी रिश्वत राशि की पहली किस्त थी ।
राउत की शिकायत के अनुसार, रघुवंशी ने उन्हें एक निजी व्यक्ति, भगती, से संपर्क करने को कहा था, जो इस “सेटलमेंट” में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था। भगती ने राउत को बताया कि रघुवंशी ने पहले 5 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसे बाद में राउत के अनुरोध पर 2 करोड़ रुपये तक घटाया गया। राउत ने यह भी बताया कि उन्हें 50 लाख रुपये की पहली किस्त तुरंत देने के लिए कहा गया था ।
CBI ने रघुवंशी को पूछताछ के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे की जांच जारी है। इस गिरफ्तारी ने सरकारी सेवाओं में नैतिकता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।