उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत ने शुक्रवार को 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

पुलकित आर्य, जो वानांत्रा रिसॉर्ट का मालिक और निष्कासित भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है, ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर सितंबर 2022 में अंकिता की हत्या की थी। अभियोजन के अनुसार, अंकिता को “अतिरिक्त सेवाएं” देने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। इसके बाद तीनों आरोपियों ने उसे ऋषिकेश के पास चिल्ला नहर में धक्का दे दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उसका शव छह दिन बाद बरामद हुआ। 

अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला की लज्जा भंग करने का प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत तीनों को दोषी पाया। विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और 47 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। 

यह मामला उत्तराखंड में व्यापक जन आक्रोश का कारण बना था, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि मुख्य आरोपी का राजनीतिक संबंध था। अंकिता की मां ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है।  

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