कांग्रेस नेता और पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक बार फिर मोदी सरकार और अदानी समूह के बीच कथित गठजोड़ को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “डबल इंजन वाली मोदानी गाथा” अब सबके सामने उजागर हो रही है और इसे चाहे जितना छुपाया जाए, सच्चाई बाहर आकर रहेगी।

रमेश का यह बयान उस खबर के बाद आया है जिसमें यह बताया गया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Elara Capital द्वारा नियंत्रित मॉरीशस स्थित दो ऑफशोर फंड्स — Elara India Opportunities Fund और Vespera Fund — को शेयरहोल्डिंग की जानकारी न देने के लिए चेतावनी दी है। इन फंड्स पर “स्टॉक पार्किंग” का आरोप है — यानी इन्हें अदानी समूह द्वारा अपनी ही कंपनियों में बेनामी निवेश के लिए एक मुखौटा के रूप में इस्तेमाल किया गया, जो SEBI के नियमों का उल्लंघन है।

प्रमुख आरोप और तथ्य:

  • दिसंबर 2022 में, Elara India Opportunities Fund का 98.78% निवेश केवल तीन अदानी कंपनियों में था।
  • जून 2022 में, Vespera Fund ने अपना 93.9% निवेश केवल अदानी एंटरप्राइजेज में लगाया था।
  • इन दोनों फंड्स ने कोई अपराध स्वीकार किए बिना, मामूली या टोकन शुल्क चुकाए बिना, मामले को सेटल करने की पेशकश की है।

जयराम रमेश ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया केवल अदानी समूह को राहत देने और जांच को ढील देने का एक तरीका है। उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2023 में SEBI को दो महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन अब दो साल से ज्यादा बीत चुके हैं, और जांच अधर में लटकी है।

रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,

“सरकार चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, भारत के सबसे बड़े घोटाले को अब छिपाया नहीं जा सकता। अगर भारत की समझौता कर चुकी संस्थाएं सच्चाई सामने नहीं लाएंगी, तो यह विदेशी न्यायिक व्यवस्थाओं के माध्यम से जरूर सामने आएगी — जिन्हें अदानी ना खरीद सकते हैं, ना धमका सकते हैं और ना ही अपने पक्ष में कर सकते हैं।”

इस पूरे मामले ने एक बार फिर कॉर्पोरेट-राजनीतिक सांठगांठ, संस्थागत निष्पक्षता और निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर गहन सवाल खड़े कर दिए हैं।

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