भारत में वर्ष 2021 के दौरान कोविड-19 से संबंधित मौतों की संख्या को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सरकारी नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में देश में कुल 25.8 लाख अधिक मौतें दर्ज की गईं, जो कि 2019 के मुकाबले लगभग 19.7 लाख अधिक थीं। यह संख्या उस वर्ष की आधिकारिक कोविड-19 मृत्यु संख्या 3.3 लाख से लगभग छह गुना अधिक है ।

राज्यवार असमानताएं

गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोविड-19 से संबंधित मौतों की रिपोर्टिंग में सबसे अधिक अंतर देखा गया, जबकि केरल और कुछ अन्य राज्यों में यह अंतर अपेक्षाकृत कम था। विशेषज्ञों का मानना है कि इन राज्यों में बेहतर स्वास्थ्य प्रणाली और पारदर्शिता के कारण आंकड़ों में कम अंतर देखा गया।

मृत्यु आंकड़ों में अंतर के संभावित कारण

  1. परीक्षण की सीमितता: कई मामलों में कोविड-19 परीक्षण नहीं हो पाने के कारण मौतों को अन्य कारणों से जोड़ा गया।
  2. प्रमाणन में त्रुटियां: मौत के प्रमाणपत्रों में कोविड-19 को कारण के रूप में दर्ज नहीं किया गया, जिससे आंकड़ों में अंतर आया।
  3. राजनीतिक और सामाजिक दबाव: कुछ क्षेत्रों में सरकारों पर आंकड़ों को कम दिखाने का दबाव था, जिससे वास्तविकता छिपी रही।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग की कमी: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मौतों की रिपोर्टिंग में कमी रही, जिससे आंकड़ों में अंतर आया।

यह खुलासा भारत में कोविड-19 से संबंधित मौतों की संख्या को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी आपदाओं के दौरान डेटा संग्रहण और रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जाए, ताकि नीतिगत निर्णयों में वास्तविकता को ध्यान में रखा जा सके।

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