राजस्थान के फतेहगढ़ के SDM हनुमानराम को लेकर सिविल ऑफिसर्स की भर्ती में एक बड़ा मुद्दा सामने आया है। सुरक्षा ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) ने उन्हें 2021 में SI (सब-इंस्पेक्टर) भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनने के आरोप में गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान हनुमानराम ने खुलासा किया कि आर्थिक तंगी और कोचिंग माफियाओं के प्रभाव में आकर उन्होंने न केवल SI परीक्षा में, बल्कि पटवारी, ग्राम सेवक और शिक्षक जैसी अन्य सरकारी परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट के रूप में हिस्सा लिया था।

हनुमानराम ने बताया कि प्रारंभ में उन्होंने RAS (राज्य लोक सेवा) में चयन के बाद ऐसे गलत कामों से दूरी बनाना चाहा था। लेकिन दोस्ती के कारण फिर से वही पुरानी गलती दोहराई।

अतिरिक्त परीक्षा में भागीदारी: वित्तीय तंगी और कोचिंग माफियाओं के दबाव में उन्होंने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट के रूप में हिस्सा लेने का फैसला किया।

नरपतराम बिश्नोई का केस: SOG की जांच में उजागर हुआ कि हनुमानराम ने नरपतराम बिश्नोई के लिए SI परीक्षा में 15 लाख रुपये में दाखिले का झांसा दिया था। इस मामले में, उन्हें केवल डेढ़ लाख रुपये प्राप्त हुए, जिससे साफ झलकता है कि कुल जमा की गई रकम का बड़ा हिस्सा कोचिंग माफियाओं और अन्य हितधारकों के बीच बांट लिया गया।

SOG द्वारा शुरू की गई गहन पूछताछ में हनुमानराम ने अपनी गलती स्वीकारी और माफी भी मांगी है।हालांकि, मामला गंभीर होने के कारण जांच एजेंसियां और भी विस्तृत जाँच कर रही हैं ताकि इस भर्ती घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।

अब तक, विभिन्न सरकारी परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनने और इसके माध्यम से कोचिंग माफियाओं की गहरी पैठ का खुलासा हुआ है, जो राजस्थान में सरकारी नौकरियों के चयन में विश्वासघात का एक बड़ा उदाहरण पेश करता है।

आर्थिक दबाव और कोचिंग माफिया का प्रभाव:

वित्तीय तंगी ने कई अधिकारियों और इच्छुक उम्मीदवारों को गलत रास्ता अपनाने पर मजबूर कर दिया।कोचिंग संस्थाओं और माफियाओं ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए, डमी कैंडिडेटिंग जैसी अनैतिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया।हनुमानराम का यह काम न केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को हानि पहुँचा रहा है, बल्कि सरकारी सेवा में भरोसे को भी दूषित कर रहा है।

यह मामला राजस्थान में सरकारी भर्ती घोटालों और कोचिंग माफियाओं की व्यापक पैठ को उजागर करता है। जहां एक ओर आर्थिक दबाव ने नीतिगत उल्लंघनों की राह खोली, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामलों से जनता के विश्वास पर भी गहरा प्रश्न उठता है। सरकारी अधिकारियों और संबंधित एजेंसियों द्वारा इस मामले में कड़ा एक्शन लिया जाना अनिवार्य है ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटालों से निपटा जा सके।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!