सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) स्लिप की 100% मैन्युअल गिनती की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका अधिवक्ता हंसराज जैन ने व्यक्तिगत रूप से दायर की थी।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने पहले चुनाव आयोग को इस संबंध में एक प्रतिनिधित्व भेजा था, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे पहले ही खारिज कर दिया गया था।

पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए स्पष्ट कहा:

“हम इस मुद्दे की पहले भी समीक्षा कर चुके हैं। अब बार-बार इसकी जांच नहीं की जा सकती।”

गौरतलब है कि अप्रैल 2024 में भी न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ऐसी ही याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिसमें EVM और VVPAT के 100% मिलान की मांग की गई थी। हालांकि, उस फैसले में दो महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए थे:

  1. सिंबल लोडिंग यूनिट्स (Symbol Loading Units) को सुरक्षित रखने का निर्देश।
  2. पराजित उम्मीदवार के अनुरोध पर हर विधानसभा क्षेत्र में 5% EVMs की पोस्ट-पोल चेकिंग की अनुमति।

इस तरह, सुप्रीम कोर्ट का रुख स्पष्ट है कि वह पहले से तय मुद्दों को बार-बार पुनरावलोकन के लिए खोलने को तैयार नहीं है, जब तक कि कोई नया और ठोस आधार सामने न आए।

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