छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत ने रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।

डॉ. महंत ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस परियोजना में लगभग ₹350 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए।

राज्य के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने स्वीकार किया कि परियोजना में भ्रष्टाचार हुआ है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक एक उप कलेक्टर, एक अतिरिक्त कलेक्टर और कुछ पटवारियों को निलंबित किया गया है।

कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर विधानसभा से वाकआउट किया और सीबीआई जांच की अपनी मांग दोहराई।

रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा: एक परिचय

रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा, जिसे एनएच-130सीडी के नाम से भी जाना जाता है, एक छह-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है जो छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर गुजरता है। यह परियोजना भारतमाला परियोजना के तहत विकसित की जा रही है और इसके पूरा होने पर रायपुर और विशाखापत्तनम के बीच की दूरी और यात्रा समय में महत्वपूर्ण कमी आएगी।

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