दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दंगों में कथित संलिप्तता को लेकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौधरी ने मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ संज्ञेय अपराध पाया गया है, जिससे आगे की जांच जरूरी हो जाती है।
यह आदेश यमुनाविहार निवासी मोहम्मद इलियास की शिकायत के बाद आया है, जिन्होंने आरोप लगाया कि 23 फरवरी 2020 को मिश्रा ने एक गैरकानूनी सभा का नेतृत्व किया और दंगे भड़काने का काम किया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मिश्रा का दंगों से कोई संबंध नहीं था और विरोध प्रदर्शन पहले से ही योजनाबद्ध थे।
इसके बावजूद, अदालत ने पाया कि मिश्रा की भूमिका की गहन जांच आवश्यक है। यह फैसला 2020 के दिल्ली दंगों की न्यायिक समीक्षा को रेखांकित करता है, जिसमें कई लोगों की जान गई थी और बड़ी संपत्ति का नुकसान हुआ था।