कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने अपने ‘अरबपति मित्रों’ के लिए ₹16 लाख करोड़ के ऋण माफ कर दिए हैं, जिससे बैंकिंग क्षेत्र संकट में आ गया है। उन्होंने कहा कि इस ‘क्रोनीवाद’ और नियामकीय कुप्रबंधन का खामियाजा जूनियर कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें तनावपूर्ण और विषाक्त कार्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने बताया कि 782 पूर्व आईसीआईसीआई बैंक कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने संसद में उनसे मुलाकात की और अपनी पीड़ा साझा की। इन कर्मचारियों ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न, जबरन स्थानांतरण, अनैतिक ऋण देने वालों के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रतिशोध, और बिना उचित प्रक्रिया के बर्खास्तगी जैसी समस्याओं का सामना किया है। दुर्भाग्यवश, इन घटनाओं में दो कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन का मानव लागत है, जो देशभर में हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवरों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने ऐसे अन्य पेशेवरों से भी आग्रह किया है कि यदि उन्होंने भी इसी तरह की अन्याय का सामना किया है, तो वे अपनी कहानी उनके साथ साझा करें।
यह मामला बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है। कांग्रेस पार्टी ने इन कामकाजी पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने और कार्यस्थल पर उत्पीड़न और शोषण को समाप्त करने का संकल्प लिया है।