छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार सुबह छापेमारी की। यह कार्रवाई उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े परिसरों समेत 14 स्थानों पर की गई, जो कथित रूप से शराब घोटाले और महादेव सट्टा ऐप से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत है।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी 2019 से 2022 के बीच हुए लगभग 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से संबंधित है, जिसमें चैतन्य बघेल को भी लाभ पहुंचने का आरोप है। चैतन्य के करीबी सहयोगी लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कड़ी आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि संसद सत्र की शुरुआत के दिन इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य ध्यान भटकाना है। उन्होंने कहा, “आज जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है, चारों तरफ से घिरी हुई भाजपा ने हेडलाइन बदलने के लिए, देश का ध्यान टैरिफ, गिरती हुई अर्थव्यवस्था, वोटर्स लिस्ट फ्रॉड से भटकाने के लिए यह कदम उठाया है।”
भूपेश बघेल ने भी इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि यह पंजाब में कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव को रोकने का प्रयास है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।”
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। विधानसभा में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ, जिसके चलते कुछ कांग्रेस विधायकों को निलंबित किया गया।
भाजपा ने ईडी की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच आवश्यक है।
ईडी की इस कार्रवाई से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है, और आगामी दिनों में इस पर और प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।