केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख लोगों की मृत्यु होती है। इनमें से 66.4% मृतक 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं, जिससे देश की जीडीपी को 3% का नुकसान होता है।
गडकरी ने कहा कि इन दुर्घटनाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण दोषी वे सिविल इंजीनियर हैं जो डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के अनुभव के बाद, उन्होंने निष्कर्ष निकाला है कि डीपीआर में हजारों गलतियां होती हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बनती हैं।
सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए, गडकरी ने वर्ष 2025 के अंत तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी का प्रयास और सहयोग आवश्यक है।
इसके अलावा, सरकार ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ योजना की घोषणा की है, जिसके तहत सरकार 7 दिनों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी। साथ ही, दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वाले ‘गुड समैरिटन्स’ के लिए इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई है।
गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए डीपीआर की गुणवत्ता में सुधार, उचित सड़क डिज़ाइन, और सभी संबंधित पक्षों के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।