कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आज मुंबई के धारावी क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने चमड़ा उद्योग से जुड़े श्रमिकों और छोटे उद्यमियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ‘चमार स्टूडियो’ के संस्थापक सुधीर राजभर से भी बातचीत की, जो रिसाइकल टायरों से हैंडबैग बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
राहुल गांधी ने सुधीर राजभर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी कहानी लाखों दलित युवाओं की यात्रा को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने धारावी के कारीगरों की छिपी प्रतिभा को पहचानकर एक ऐसा ब्रांड स्थापित किया है, जिसे आज वैश्विक फैशन जगत में सम्मानित किया जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि चमार स्टूडियो की सफलता इस बात का प्रमाण है कि कैसे पारंपरिक हस्तकला और आधुनिक उद्यमशीलता मिलकर कुशल कारीगरों को वह सफलता दिला सकती है, जिसके वे हकदार हैं। राहुल गांधी ने समावेशी उत्पादन नेटवर्क की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे नेटवर्क विभिन्न क्षेत्रों के कुशल श्रमिकों को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं।
इस अवसर पर राहुल गांधी ने सुल्तानपुर से अपने मित्र रामचेत मोची को भी बुलाया ताकि वे सुधीर से मिल सकें और समझ सकें कि डिजाइन और नवाचार उनके व्यवसाय को कैसे नया रूप दे सकते हैं। उन्होंने लोकसभा में अपने वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि समृद्ध भारत का निर्माण ‘उत्पादन और भागीदारी’ के मॉडल से ही संभव है, और चमार स्टूडियो की सफलता इस मॉडल की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
राहुल गांधी की यह यात्रा धारावी के कारीगरों और उद्यमियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने और उनकी चुनौतियों को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दौरा यह भी संकेत देता है कि कांग्रेस पार्टी स्थानीय उद्योगों और कारीगरों के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्ध है।