नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 9:55 बजे भगदड़ मचने से 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 3 बच्चे शामिल हैं, और 10 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हादसा प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर हुआ, जहां प्रयागराज महाकुंभ के लिए बड़ी संख्या में यात्री एकत्रित हुए थे। भीड़ के बीच प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के बाद अफरा-तफरी मच गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों।” रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर तैनात किया गया है, जबकि घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में जारी है।

इस घटना ने रेलवे प्रशासन की भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, विशेषकर ऐसे समय में जब महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन चल रहे हैं।

 कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं। पार्टी ने मांग की है कि मोदी सरकार मृतकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपकर घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करे और सभी घायल श्रद्धालुओं का उचित एवं बेहतर इलाज सुनिश्चित करे।

इस दुखद घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं:

पर्याप्त ट्रेनों की कमी: महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ की संभावना के बावजूद, पर्याप्त संख्या में विशेष ट्रेनों का संचालन क्यों नहीं किया गया?

भीड़ नियंत्रण में विफलता: रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित प्रबंध क्यों नहीं किए गए? जिम्मेदारी का निर्धारण: इस हादसे की जिम्मेदारी किस पर है, और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी ?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन में गंभीर खामियां सामने आई हैं। कई यात्रियों ने शिकायत की कि कंफर्म टिकट होने के बावजूद वे ट्रेन में सवार नहीं हो सके, और भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह भी नहीं थी।

इस घटना ने रेलवे प्रशासन की तैयारियों और भीड़ प्रबंधन की क्षमताओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। आवश्यक है कि सरकार तत्काल प्रभाव से उचित कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

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