कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) से जुड़ी गंभीर समस्या को उठाते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों की संख्या तय की जा रही है, जबकि देश की जनसंख्या 140 करोड़ पार कर चुकी है। जनगणना 2021 अभी तक नहीं हुई है, जिससे 14 करोड़ पात्र भारतीय अपने कानूनी अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
सरकार की लापरवाही से प्रभावित हो रही खाद्य सुरक्षा
सोनिया गांधी ने NFSA को एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह कानून 2013 में संप्रग (UPA) सरकार द्वारा लाया गया था, जिसका उद्देश्य देश के करोड़ों गरीब परिवारों को भुखमरी से बचाना था। उन्होंने कहा, “खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि एक मौलिक अधिकार है।”
उन्होंने सरकार की जनगणना में देरी को एक गंभीर मुद्दा बताया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना चार साल से अधिक समय से टल रही है। 2021 में प्रस्तावित जनगणना अब तक नहीं हुई, और सरकार ने इसे पूरा करने की कोई स्पष्ट योजना नहीं दी है। इस देरी के कारण लाखों गरीब परिवार सस्ते राशन के अपने हक से वंचित हो रहे हैं।
सरकार से जनगणना शीघ्र पूरा करने की मांग
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से तत्काल जनगणना पूरा करने की अपील करते हुए कहा कि यदि जनसंख्या आंकड़ों को अपडेट नहीं किया गया, तो असली जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने का लक्ष्य अधूरा रह जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को गरीबों की अनदेखी बंद करनी चाहिए और जल्द से जल्द जनगणना कराकर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत नए लाभार्थियों को जोड़ा जाना चाहिए।
(रिपोर्ट: राज्यसभा संवाददाता)