साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कोरबा पुलिस ने साइबर सेल और थाना सिविल लाइन की संयुक्त टीम के माध्यम से एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सदस्यों ने म्यूल अकाउंट्स का उपयोग करके लगभग 6 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। पुलिस ने अब तक 35 म्यूल अकाउंट्स की पहचान कर ली है, जिनके जरिए यह अवैध लेनदेन किया गया। इस मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने लोगों से उनके बैंक खाते लेकर अवैध ट्रांजैक्शन किए। गिरफ्तार किए गए आरोपी न केवल इस ठगी में सीधे शामिल थे, बल्कि इन्होंने अपने बैंक खाते भी ठगों को मुहैया कराए थे, जिससे यह संगठित अपराध अंजाम दिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में शामिल हैं:

1.आकाश दास (27), सुमेघा, बाकीमोगरा

2.अजय दुबे (35), डिगापुर टावर, सिविल लाइन रामपुर, कोरबा

3.आयुष तिवारी (23), पुरानी बस्ती, भंडारी चौक, कोरबा

4.सचिन कुमार (21), जमनीपाली, मोहन टॉकीज के पास, कोरबा

5.सरफराज मसूवी (19), शिव नगर, बालको नगर, कोरबा

6.लखन चौहान (25), इंदिरा नगर, दर्री, कोरबा

7.शिव रतन बिझवार (41), कुचैना, कुसमुंडा, कोरबा

8.अमित बरेठ (20), महुदा, चांपा, जांजगीर-चांपा

9.सुशांत चतुर्वेदी (20), ब्लॉक-15, सीएसईबी, कोरबा

10.अजय कमलेश (21), न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, खरमोरा

कैसे हुआ खुलासा?

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ (भा.पू.से) के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान और साइबर एवं यातायात प्रभारी रवींद्र कुमार मीना (भा.पू.से) की टीम ने इस गिरोह को पकड़ने के लिए गहन जांच की। कोरबा नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का के नेतृत्व में साइबर सेल ने म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से हो रहे संदेहास्पद लेनदेन को ट्रेस किया और इन खातों से जुड़े संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

पुलिस की जांच में यह पता चला कि ठगों ने भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते किराए पर लिए या खरीदे। फिर इन खातों के जरिए ठगी की रकम को एक से दूसरे खाते में भेजा जाता था, जिससे पुलिस को ट्रांजैक्शन ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था।

कोरबा पुलिस की चेतावनी – बैंक अकाउंट दूसरों को न दें!

कोरबा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने बैंक खाते, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र या ‘उद्यम आधार’ प्रमाणपत्र किसी को न दें। ऐसा करने से मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर अपराध और ठगी में फंसने का खतरा रहता है।

कैसे बचें साइबर ठगी से?

✔️ आकर्षक जॉब ऑफर या जल्दी पैसा कमाने वाली स्कीम से बचें।

✔️ अपना बैंक अकाउंट किसी को न दें और संदिग्ध ट्रांजैक्शन्स से बचें।

✔️ OTP, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।

✔️ अगर कोई तुरंत फैसला लेने के लिए दबाव बनाए, तो सतर्क रहें।

✔️ गिफ्ट कार्ड या वर्चुअल करेंसी के जरिए भुगतान करने से बचें।

क्या करें अगर ठगी का शिकार हो जाएं?

📞 साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें।

🌐 www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।

📲 साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी के लिए “CyberDost” के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉलो करें।

RBI का दिशा-निर्देश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे KYC डेटा को नियमित रूप से अपडेट करें और संदिग्ध बैंक खातों की निगरानी करें। बैंकों को ऐसे फर्जी खातों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

कोरबा पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और साइबर अपराधों से बचने की अपील की है। अगर आपको किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

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