छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हाथियों की मौत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में, घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के पानीखेत गांव स्थित मुसबहरी डेम में एक हाथी के शावक का शव मिला है। लगभग 1 से 1.5 वर्ष की आयु का यह शावक झुंड से भटककर पानी पीने आया था और दलदल में फंसने के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
ग्रामीणों ने सुबह शावक का शव देखकर वन विभाग को सूचित किया, जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकाला। पंचनामा और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जारी है।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों में रायगढ़ जिले में छह हाथियों की मौत हो चुकी है। 31 दिसंबर को भी पानीखेत के इसी क्षेत्र में दलदल में फंसकर एक हाथी शावक की मृत्यु हुई थी।
इसके अलावा, 20 जनवरी को धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के क्रोंधा गांव में एक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी।
छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष एक गंभीर समस्या बन चुका है, विशेषकर सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में। पिछले छह वर्षों में राज्य में लगभग 90 हाथियों की मौत हो चुकी है, जिनमें बीमारियां, वृद्धावस्था और करंट लगना प्रमुख कारण रहे हैं।
वन्यजीव संरक्षणवादी और स्थानीय समुदायों के बीच बेहतर समन्वय और हाथियों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन घटनाओं को रोका जा सके और मानव-हाथी संघर्ष को कम किया जा सके।