छत्तीसगढ़ के धर्मजयगढ़ वन मंडल में 8 से 10 साल के एक नर हाथी की करंट लगने से मौत हो गई। यह घटना सोमवार रात हुई, जब हाथी ने मक्के की फसल की सुरक्षा के लिए खेत में बिछाए गए लाइव तार को छू लिया। धर्मजयगढ़ वन मंडल के वन अधिकारी अभिषेक जोगावत ने बताया कि इस मामले में खेत के मालिक नंदराम राठिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
सुरजपुर में एक और हाथी की मौत
इसी बीच, सुरजपुर जिले में एक और नर हाथी मृत पाया गया, जिसकी उम्र लगभग 12 साल बताई जा रही है। वन विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके।
छह वर्षों में 90 हाथियों की मौत
वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में पिछले छह वर्षों में 90 हाथियों की मौत हुई है। इनमें से कई मौतें बीमारियों, बुढ़ापे और करंट लगने जैसी घटनाओं के कारण हुई हैं।
मानव-हाथी संघर्ष एक बड़ी समस्या
उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा और बलरामपुर जिलों में मानव-हाथी संघर्ष एक दशक से बड़ी समस्या बना हुआ है। फसलों को बचाने के लिए खेतों में लगाए गए बिजली के तार अक्सर हाथियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इन संघर्षों को रोकने के लिए हाथियों के सुरक्षित आवागमन के लिए कॉरिडोर का निर्माण और बिजली के तारों की उचित निगरानी आवश्यक है।
सरकार पर उठे सवाल
लगातार हो रही हाथियों की मौतों से राज्य में वन्यजीव संरक्षण को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पर्यावरणविदों ने राज्य सरकार से वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हाथियों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की मांग की है।