प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और वर्तमान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी का आरोप है कि लखमा ने 2019 से 2022 तक आबकारी मंत्री रहते हुए मासिक आधार पर भारी नकद राशि प्राप्त की, जो इस घोटाले से अर्जित अवैध आय का हिस्सा थी।
इससे पहले, 28 दिसंबर 2024 को ईडी ने लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के ठिकानों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए थे। ईडी के अनुसार, इस घोटाले ने राज्य के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया, जबकि आरोपियों ने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय अर्जित की।
लखमा की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा जी की गिरफ्तारी बदले की भावना से की गई कार्रवाई है। केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर ईडी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रही है। पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा जी के साथ खड़ी है।”
ईडी की कार्रवाई
ईडी का दावा है कि इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। लखमा को आज रायपुर में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
कवासी लखमा छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कॉन्टा विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रह चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी ने राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान को और गहरा कर दिया है।
कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर ईडी पर केंद्र के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए ऐसी कार्रवाई की जा रही है।