कोरबा जिले में हाल ही में फ्लोरा मैक्स कंपनी द्वारा की गई ठगी के मामले में मचे बवाल के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई के तहत जिले में संचालित कई माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के कार्यालय सील किए गए हैं।
सील की गई माइक्रोफाइनेंस कंपनियों में शामिल हैं:
•एलएनटी बैंक, कटघोरा
•अन्नपूर्णा बैंक, दीपका
•सीसस बैंक, दीपका
•नैफिस बैंक, कटघोरा
•स्पंदना बैंक, नवागांव कटघोरा
इन कंपनियों पर वित्तीय अनियमितताओं और ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप हैं। प्रशासन ने इन कंपनियों के कार्यालयों को सील करने के साथ ही कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं। इसके अलावा, वसूली के लिए दबाव बनाने वाले एजेंटों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
फ्लोरा मैक्स कंपनी ने महिलाओं को आजीविका दिलाने के नाम पर झांसे में लेकर माइक्रोफाइनेंस कंपनियों से लोन दिलवाया और फिर उस राशि को कंपनी में निवेश करवाया। बाद में कंपनी ने किस्तों की राशि देना बंद कर दिया, जिससे महिलाएं कर्जदार हो गईं और उन पर वसूली का दबाव बढ़ गया।
गौरतलब है कि एक दिन पूर्व ही पीड़ित महिलाओं द्वारा मंत्री द्वय रामविचार नेताम और लखन देवांगन, जो वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे थे, का कोरबा में घेराव किया गया । इसके साथ ही इन महिलाओं ने चौक पर जाम भी लगा दिया जिससे काफी बवाल मच गया था। इस मामले में भी अज्ञात महिलाओं के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान खींचे गए फोटो और वीडियो से आरोपी महिलाओं की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान:
उन्होंने मंत्री लखनलाल देवांगन और रामविचार नेताम पर गंभीर आरोप लगाए। बघेल ने कहा कि महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह “गली के गुंडों” जैसा था। भूपेश बघेल का तीखा सवाल: “क्या महिलाओं को पुलिस के जरिए जबरदस्ती फेंकवा देना भाजपा की मानसिकता और आरएसएस की शिक्षा है?” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम आपकी यह गुंडागर्दी चलने नहीं देंगे। महिलाओं को हाथ भी न लगाना।”