हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में पांच स्थानों की गिरावट आई है, जिससे यह अब 85वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले वर्ष, भारत 80वें स्थान पर था और भारतीय पासपोर्ट धारक 62 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते थे; हालांकि, इस वर्ष यह संख्या घटकर 57 रह गई है।
इस रैंकिंग में सिंगापुर ने शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जिसके नागरिक 195 देशों में वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। जापान दूसरे स्थान पर है, जबकि फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, दक्षिण कोरिया, और स्पेन संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं।
भारत की रैंकिंग में इस गिरावट के बाद, सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ उपयोगकर्ता व्यंग्यात्मक रूप से पूछ रहे हैं कि इस स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए—बाबर, नेहरू, या जॉर्ज सोरोस? इस प्रकार की टिप्पणियां वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक संदर्भों में व्यंग्य के रूप में देखी जा सकती हैं।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की रैंकिंग मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि किसी देश के नागरिक कितने देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। भारत की रैंकिंग में आई इस गिरावट के पीछे के कारणों का विश्लेषण करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में भारतीय पासपोर्ट की ताकत को बढ़ाया जा सके।