न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य पर लगे 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़े तीन मामलों को एक साथ सुनने का आदेश दिया है। यह फैसला 12 दिसंबर 2024 को पूर्वी जिला न्यूयॉर्क कोर्ट द्वारा सुनाया गया था, जिसकी जानकारी हाल ही में सार्वजनिक की गई है।
मामलों का एकत्रीकरण
अदालत ने पाया कि ये तीनों मामले समान आरोपों और लेन-देन से जुड़े हैं। इन्हें एक साथ सुनने का निर्णय न्यायिक प्रक्रिया को कुशल बनाने और विभिन्न मामलों के कार्यक्रमों में टकराव से बचने के लिए लिया गया है।
इन मामलों में शामिल हैं:
1.यूएस बनाम अडानी और अन्य (अपराधिक मामला)
2.सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) बनाम अडानी और अन्य (नागरिक मामला)
3.SEC बनाम कैबानेस (अन्य आरोपी के खिलाफ नागरिक मामला)
जज निकोलस गारौफिस को मिली जिम्मेदारी
सभी मामलों को डिस्ट्रिक्ट जज निकोलस जी गारौफिस को सौंपा गया है, जो पहले से ही अडानी के खिलाफ आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट स्टाफ को इन मामलों के पुन: आवंटन की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, “प्रारंभिक गैर-निर्णायक मामलों” (Pre-Trial Non-Dispositive Matters) की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट जज जेम्स आर चो को नियुक्त किया गया है। ये ऐसे मुद्दे हैं जो ट्रायल शुरू होने से पहले उठते हैं, लेकिन इनसे मामले का अंतिम फैसला नहीं होता।
आरोप और न्यायिक प्रक्रिया
गौतम अडानी और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी। यह मामला आपराधिक और नागरिक दोनों स्तरों पर दर्ज है। अदालत का यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आगे की सुनवाई
मामलों की संयुक्त सुनवाई से जुड़े सभी प्री-ट्रायल मुद्दों को हल करने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कोर्ट का यह कदम न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने का प्रयास है।