कांग्रेस पार्टी ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाए जाने को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। पार्टी ने आधिकारिक बयान में कहा कि यह परियोजना न केवल भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की जल आपूर्ति और सिंचाई व्यवस्था पर खतरा पैदा कर सकती है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है।

कांग्रेस ने चीन की इस कार्रवाई को भारत के खिलाफ एक साजिश करार दिया और केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।

चीन की योजना से क्या खतरे हो सकते हैं?

कांग्रेस ने कहा कि इस बांध के निर्माण से चीन को ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह पर पूरा नियंत्रण मिल जाएगा। इसके संभावित खतरों में शामिल हैं:

•‘वाटर बॉम्ब’ का खतरा: चीन इस बांध का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में पानी छोड़कर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ लाने के लिए कर सकता है।

•सूखे की स्थिति: ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोककर चीन इन राज्यों में सूखे जैसे हालात पैदा कर सकता है।

•सिंचाई और बिजली उत्पादन पर असर: नदी पर निर्भर कृषि और बिजली उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी पर तीखे सवाल उठाए। पार्टी प्रवक्ता ने कहा,

“चीन भारत की सुरक्षा और जल संसाधनों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री, जो कभी चीन को ‘लाल आंख’ दिखाने की बात करते थे, अब इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप हैं।”

कांग्रेस ने मांग की है कि मोदी सरकार चीन से इस परियोजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी मांगे और ब्रह्मपुत्र नदी पर भारत के अधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ा कदम उठाए।

केंद्र सरकार से कांग्रेस की मांग

1.चीन से बांध निर्माण पर पूरी जानकारी मांगी जाए।

2.अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाए।

3.पूर्वोत्तर राज्यों के जल, सिंचाई और बिजली उत्पादन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस गंभीर मुद्दे पर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और यह देश की सुरक्षा और पूर्वोत्तर के नागरिकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

अब देखना होगा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर कब और कैसे प्रतिक्रिया देती है।

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