पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों को लेकर अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि बिहार सरकार पेपर लीक की बात स्वीकारने से इनकार कर रही है।
25 दिसंबर 2024 को पटना के बेली रोड स्थित BPSC कार्यालय के पास अभ्यर्थियों ने विरोध-प्रदर्शन किया, जहां पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस कार्रवाई में कई लोग घायल हुए, हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है।
प्रसिद्ध शिक्षक गुरु रहमान, जिन्होंने अभ्यर्थियों के समर्थन में प्रदर्शन में भाग लिया, को पटना पुलिस ने नोटिस जारी कर थाने में उपस्थित होने और पेपर लीक के सबूत प्रस्तुत करने को कहा। गुरु रहमान ने थाने में पेश होकर स्पष्ट किया कि उन्होंने पेपर लीक का आरोप नहीं लगाया है, बल्कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध करते हुए पुनर्परीक्षा की मांग की है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे हफ्तों से पेपर लीक के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। रात में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर लोगों में आक्रोश है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया जा रहा है।
इस बीच, BPSC ने स्पष्ट किया है कि वह पूरी परीक्षा रद्द नहीं करेगा, बल्कि केवल पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थी इस निर्णय से असंतुष्ट हैं और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखने की बात कह रहे हैं।
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा “इस कड़ाके की ठंड में BPSC के अभ्यर्थियों के ऊपर वॉटर कैनन से पानी की बौछार और दूसरी बार बर्बर तरीके से लाठी चार्ज किया गया है।
बिहार की सरकार छात्रों की माँग को सुनने की बजाय उन पर लाठियाँ वर्षा रही है।सत्ता का घमण्ड जब सर चढ़ कर बोलता है तो लोकतंत्र को लाठीतंत्र बना दिया जाता है।छात्रों के साथ इस तानाशाही और अन्याय का हम पुरजोर विरोध करते है।”
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