मध्य प्रदेश के देवास जिले के सतवास थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में एक दलित युवक की संदिग्ध मौत के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हजारों समर्थकों के साथ थाने का घेराव किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों की निलंबन की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं ।

26 दिसंबर 2024 को सतवास थाने में एक महिला ने मालागांव निवासी 35 वर्षीय मुकेश लोंगरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकेश को पूछताछ के लिए थाने बुलाया, जहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि मुकेश ने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या की, जबकि परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया और रिश्वत की मांग की थी।

घटना के बाद भीम आर्मी और स्थानीय लोगों ने सतवास थाने के बाहर प्रदर्शन किया, सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार पर दलितों के प्रति अत्याचार बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को निलंबित करने और इस्तीफे की मांग की।

देवास एसपी पुनीत गहलोद ने सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को निलंबित कर दिया है और मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने प्रदेश में कानून व्यवस्था और दलितों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के बावजूद, पीड़ित परिवार और प्रदर्शनकारी न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं। मजिस्ट्रेट जांच के परिणाम आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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