चीन ने मंगलवार को इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के पूर्व अधिकारी ली जियानपिंग को मृत्युदंड दे दिया। ली को देश के इतिहास के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था, जिसमें कुल राशि 421 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब तीन अरब युआन) थी।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, 64 वर्षीय ली जियानपिंग, जो होहोट आर्थिक और तकनीकी विकास क्षेत्र के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी कार्य समिति के पूर्व सचिव थे, की मौत की सजा को सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने मंजूरी दी थी।

सितंबर 2022 में ली को भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे अगस्त 2024 में अपील के बाद भी बरकरार रखा गया। इनर मंगोलिया की एक अदालत ने मंगलवार को यह सजा कार्यान्वित की।

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद 2012 से भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया गया है। उन्होंने इसे अपने शासन की मुख्य प्राथमिकता बताया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस अभियान के तहत अब तक दस लाख से अधिक पार्टी अधिकारियों को सजा दी जा चुकी है, जिसमें दो रक्षा मंत्री और कई सैन्य अधिकारी शामिल हैं।

इस साल जनवरी में केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (CCDI) के पूर्ण सत्र में शी जिनपिंग ने पार्टी के सदस्यों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी की “आत्म-क्रांति” को और गहराई से आगे बढ़ाना जरूरी है ताकि कोई भी समूह पार्टी को अपना शिकार न बना सके।

हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी इस अभियान के बावजूद, चीन में उच्च पदस्थ अधिकारियों के खिलाफ मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023 में जहां 45 “बड़े अधिकारियों” के खिलाफ जांच हुई थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा पहले ही 54 तक पहुंच चुका है।

शी के इस अभियान की आलोचक कहते हैं कि यह उनकी सत्ता को और मजबूत करने का एक जरिया भी है, खासतौर पर सैन्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार विरोधी कदमों पर वैश्विक ध्यान केंद्रित है।

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