लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शून्यकाल में बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मामले को बांग्लादेश सरकार के समक्ष उठाया जाए और पीड़ितों को समर्थन दिया जाए।

प्रियंका गांधी ने कहा, “सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे को पड़ोसी देश की सरकार के साथ गंभीरता से उठाना चाहिए और पीड़ितों के दर्द को समझते हुए उन्हें सहायता देनी चाहिए।”

बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि

प्रियंका गांधी ने इस मौके पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को याद किया। उन्होंने सेना मुख्यालय से पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक तस्वीर हटाए जाने का मुद्दा भी उठाया। यह तस्वीर भारतीय जनरलों के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण का प्रतीक थी, जिसे भारतीय इतिहास और गौरव का अहम हिस्सा माना जाता है।

उन्होंने कहा, “सैनिकों के शौर्य और सर्वोच्च बलिदान को याद रखना हमारी जिम्मेदारी है। इस ऐतिहासिक तस्वीर को उसकी सही जगह पर पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।” उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में सैनिकों की भूमिका को सराहते हुए कहा कि उनका बलिदान राष्ट्र की गौरवगाथा का अटूट हिस्सा है।

इस मुद्दे ने लोकसभा में चर्चा को गर्म कर दिया और सरकार से इस पर ठोस जवाब की मांग की गई। प्रियंका गांधी के इस बयान ने ऐतिहासिक और वर्तमान मानवीय मुद्दों पर भारत की भूमिका पर गंभीर चिंतन की जरूरत को रेखांकित किया।

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