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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नकली दूध बनाने का एक और बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने अग्रवाल ट्रेडर्स के चार गोदामों पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकली दूध और डेयरी उत्पाद बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां जब्त कीं। गोदाम के मालिक अजय अग्रवाल पिछले 20 वर्षों से इस अवैध व्यापार में लिप्त हैं।

कैसे होता था उत्पादन?

जांच में सामने आया कि दूध और अन्य डेयरी उत्पादों को बनाने के लिए खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इनमें पोटाश, सरबिटोल, सिंथेटिक सिरप, सोया रिफाइंड तेल, व्हे प्रोटीन, स्किम्ड मिल्क पाउडर और मिल्क परमीएट्स शामिल हैं। इन सामग्रियों का उपयोग बड़े पैमाने पर नकली दूध, घी, और पनीर तैयार करने में किया जाता था। यह भी पाया गया कि सिंथेटिक सिरप वही था जो आमतौर पर स्टारबक्स जैसी कॉफी कंपनियां उपयोग करती हैं।

कार्रवाई और प्रभाव

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने गोदाम से भारी मात्रा में नकली दूध और पनीर नष्ट किया। शुरुआती जांच से पता चला कि यह नकली उत्पाद दिल्ली, नोएडा और अन्य एनसीआर क्षेत्रों में सप्लाई किए जाते थे। इस मिलावटखोरी का नागरिकों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है, विशेषकर लंबे समय तक सेवन करने पर ।

आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज

अजय अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में नकली उत्पाद बनाने और बेचने का मामला नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अधिकारी इस नेटवर्क के वित्तीय लेन-देन और पिछले सप्लाई चैन की भी जांच कर रहे हैं।

इस घटना ने खाद्य सुरक्षा और अवैध मिलावट के मुद्दे पर प्रशासन के कठोर कदम उठाने की आवश्यकता को दोहराया है।

 

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