जातिवाद के खिलाफ बुलंद की आवाज

गुजरात में जातिवाद के खिलाफ दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय ने शनिवार को व्यापक आंदोलन किया। प्रदर्शनकारियों ने गुजरात की कलेक्टर नेहा कुमारी पर जातिगत भेदभाव के गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। इस आंदोलन का नेतृत्व दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी ने किया।

प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर नेहा कुमारी पर जातिवादी नीतियां अपनाने और अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। जिग्नेश मेवाणी ने आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा, “हम जातिवाद और अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी मांग है कि नेहा कुमारी को उनके पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”

जातिवाद के खिलाफ प्रतिज्ञा

आंदोलन के दौरान, दलित, आदिवासी और ओबीसी समाज के लोगों ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ एकजुटता दिखाई। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वे अपने जीवन में कभी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा में कदम नहीं रखेंगे। इस मौके पर “जय भीम, जय जोहार, जय फुले” के नारे गूंजते रहे।

जिग्नेश मेवाणी का बयान

जिग्नेश मेवाणी ने कहा, “यह आंदोलन केवल नेहा कुमारी के खिलाफ नहीं है, बल्कि पूरे जातिवादी सिस्टम के खिलाफ है। जब तक जातिगत भेदभाव समाप्त नहीं होता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”

सरकार से कार्रवाई की मांग

आंदोलनकारियों ने सरकार से मांग की कि नेहा कुमारी के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो और दोष सिद्ध होने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया, तो आंदोलन को राज्यभर में फैलाया जाएगा।

यह आंदोलन सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसमें दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदाय ने अपनी ताकत और एकता का प्रदर्शन किया।

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