तखतपुर ब्लॉक में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां 80 एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कर भुइयां पोर्टल में चार व्यक्तियों के नाम पर प्रविष्टि की गई। इस जमीन, जिसका अस्तित्व ही नहीं है, के दस्तावेज तैयार कर भाटापारा स्थित आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शाखा में बंधक रखा गया और 20 लाख रुपये का लोन लिया गया।

जांच के दौरान पाया गया कि तखतपुर के पटवारी राजकुमार सेवाईया, उनके सहयोगी सतवंत टंडन, और बैंक अधिकारियों ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। भूमि की वास्तविकता जांचने के बजाय बैंक ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन स्वीकृत कर दिया।

तखतपुर की एसडीएम ज्योति पटेल द्वारा की गई जांच में यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर अविनाश शरण ने पटवारी, उनके साथियों और संबंधित बैंक अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश दिया है।

फर्जीवाड़े की प्रक्रिया

•भुइयां पोर्टल पर फर्जी प्रविष्टि: चार  व्यक्तियों के नाम पर 80 एकड़ भूमि को दर्ज किया गया।

•जमीन का अस्तित्व नहीं: जांच में पाया गया कि उक्त भूमि वास्तव में मौजूद ही नहीं है।

•लोन प्राप्ति: इस फर्जी जमीन के दस्तावेज बैंक में बंधक रखकर 20 लाख रुपये का लोन लिया गया।

यह घटना न केवल सरकारी सिस्टम की खामियों को उजागर करती है, बल्कि बैंकिंग प्रक्रियाओं में भी सत्यापन की कमी को दिखाती है। मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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