निवेदिता फाउंडेशन ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन कर बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल श्रम और बाल तस्करी को रोकने के अपने प्रयासों की जानकारी साझा की। फाउंडेशन के निर्देशक संतन दास मानिकपुरी ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि बच्चों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
मानिकपुरी ने कहा कि बाल विवाह बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों से वंचित कर देता है। यह संविधान में दिए गए समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकारों के खिलाफ है। बाल विवाह की पीड़िताएं बचपन के अधिकार, परिवार और देखभाल के तंत्र से वंचित हो जाती हैं और सामाजिक अलगाव का शिकार बनती हैं।
50 गांवों में जागरूकता अभियान
फाउंडेशन ने कोरबा जिले के करतला ब्लॉक के 50 गांवों में बाल विवाह रोकने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम शुरू किया है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी महिला हिंसा और बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है।
मीडिया से सहयोग की अपील
संतन दास मानिकपुरी ने बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए मीडिया से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी की राह में सबसे बड़ी बाधा है और इसके उन्मूलन के लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने होंगे।
फाउंडेशन ने सभी से बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने और इसके उन्मूलन में सक्रिय भागीदारी की अपील की।